PURNIA NEWS/पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: रूपौली के पूर्व नोडल पदाधिकारी अनुपम के धमदाहा एसडीओ पद पर आने की खबर मात्र से यहां के लोगों में खुशियां फैल गई है । सभी लोग उनके आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं । सरकार ने उन्हें धमदाहा के एसडीएम पद पर पदस्थापित किया है । यह बता दें कि अनुपम यहां के नोडल पदाधिकारी के रूप में 2020 से 2022 तक लगभग दो साल रह चूके हैं । उनके कार्यकुशलता को यहां के लोग जमीन से देख चूके हैं । वे जबतक रहे थे, तबतक उन्होंने एक अधिकारी एवं सामाजिकता को भरपूर जीया था । सबसे बडी बात कि उनका व्यवहार एवं हर समय, हर जगह उपलब्ध होना, लोगों को भाता था, कुछ इसी कारण वे लोगों के दिलों में बस गए थे, जो आज भी दिख रहा है , उनके आने की खबर मात्र से लोग रोमांचित हो उठे हंै। वे जब यहां नोडल पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थे, तब उस काल में उनके द्वारा किये गए काल की सराहना आज भी लोगों द्वारा की जाती है । आज के इस भौतिकतवादी युग में जब कोई इंसान खासकर सरकारी अधिकारी बन जाता है, तब शायद ही वह समाज के लिए पीछे मुडकर देखता है, प्रायः वह व्यक्तिगत जीवन में ही खोकर रह जाते हैं । परंतु वैसे भी लोग हैं जो हमेशा ही अपनी छाप जहां भी रहते हंै, वहां छोड ही जाते हैं । ऐसी ही शक्सियत के रूप में अनुपम को लोग जानते हैं, जो अपने नाम के अनुरूप ही अनुपम हैं। ये सिर्फ सरकारी कत्र्तब्य ही नहीं, बल्कि वे सामाजिक कत्र्तब्य का भी पालन वखुबी करने से भी नहीं चूके थे । उनकी शक्सियत इसी से जानी जाती है कि आज लोग जात-पात में लगे रहते हैं, परंतु उन्हेांने अपने नाम के बाद किसी जाति का रूप नहीं छोडा है । उनकी पहली पोस्टिंग पूर्णिया मंे ही हुई थी तथा वे जिला में एडीएम के पद पर पदस्थापित थे । तब उनकी कार्यकुशलता को लेकर तत्कालीन डीएम ने उन्हें रूपौली का नोडल पदाधिकारी बनाया था । इनके द्वारा अपने सरकारी कत्र्तब्यों का पालन वखुबी निभाया गया तथा वे यहां के सभी विभागों पर भी वखुबी नजर रखकर, सही रूप से कार्य को अंजाम तक पहुंचाया । वे सामाज के प्रति भी अपना कत्र्तब्य निर्वहण करने से पीछे नहीं हटे थे । कार्यालय अवधि के बाद वे इस कोरोना महामारी में प्रतियोगिता की परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए संजीवनी बने हुए थे । वे प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को अपनी नजरिया से देखते हैं तथा वे उनकी सहायता प्रतिदिन आॅनलाइन के माध्यम से करते थे तथा उन्हें पढाते भी थे । सौभाग्य कहें कि एकबार फिर वे धमदाहा में एसडीएम बनकर आ रहे हैं । लोगों को आशा है कि वे रूपौली के लोगों के लिए संजीवनी साबित होंगे ।