संशोधित फाइलेरिया उन्मूलन गाइडलाइन पर वर्चुअल कार्यशाला आयोजित, 2026-27 से होगा क्रियान्वयन
पूर्णिया: भारत सरकार द्वारा अप्रैल 2025 में जारी संशोधित फाइलेरिया उन्मूलन गाइडलाइन के क्रियान्वयन की तैयारी के तहत बुधवार को वर्चुअल माध्यम से एक राज्यस्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता डॉ. श्यामा राय, अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फाइलेरिया ने की। उन्होंने सभी प्रतिभागियों—जिला स्तरीय वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी, राज्य एवं जिला कार्यालयों के प्रतिनिधि, और सहयोगी संस्थाओं—का स्वागत करते हुए एमडीए अभियान के प्रभावी संचालन एवं आईएचआईपी पोर्टल पर ससमय रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
कार्यशाला में विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्टेट एनटीडी कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने संशोधित गाइडलाइन की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने एमडीए, नाईट ब्लड सर्वे, टास सहित अन्य तकनीकी पहलुओं को विस्तार से समझाया और प्रतिभागियों के सवालों का उत्तर भी दिया। इस अवसर पर राज्य फाइलेरिया सलाहकार डॉ. अनुज सिंह रावत ने सभी 38 जिलों को एमएमडीपी सेवाओं, फाइलेरिया प्रभावित मरीजों को दी जाने वाली किट वितरण प्रणाली और आईएचआईपी पोर्टल पर रिपोर्टिंग संबंधी प्रशिक्षण दिया।
उन्होंने बताया कि पहली बार वार्षिक गतिविधि कैलेंडर तैयार किया गया है जिसे कार्यशाला के दौरान प्रदर्शित किया गया। साथ ही, हर महीने चार जिलों का भ्रमण कर कार्यक्रम की गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी। राज्य कार्यालय से प्रभात कुमार ने वित्तीय विषयों पर जानकारी साझा की। कार्यशाला के सफल आयोजन से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 2026-27 से नई गाइडलाइन के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर गंभीर और सक्रिय है।