Uday Singh के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद बिहार में जनसुराज को मिला नया संबल, पूर्णिया दौरे के दौरान दिखा जोरदार जनसमर्थन, भव्य स्वागत और सांस्कृतिक एकता का संदेश
पूर्णिया: जनसुराज पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष Uday Singh के बिहार दौरे ने प्रदेश की राजनीति को नई दिशा और जनसरोकारों को नया विश्वास दिया है। मां भगवती के चरणों में पूजा-अर्चना कर उन्होंने अपने दौरे की शुरुआत की और बिहार की सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। इस पवित्र संकल्प के साथ वे बेगुसराय, खगड़िया, नवगछिया होते हुए जब पूर्णिया की ओर बढ़े, तो जनसुराज कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनका जगह-जगह भव्य स्वागत किया। पारंपरिक रीति-रिवाज, उत्साहपूर्ण नारे और जनसैलाब ने इस यात्रा को एक जनआंदोलन में बदल दिया।
बेगुसराय में डॉ. रजनीश कुमार, खगड़िया में श्री विनय कुमार बरुण और नवगछिया में श्री अरविंद साह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने अद्भुत संगठन क्षमता और अनुशासन का प्रदर्शन किया। महिला कार्यकर्ताओं की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही, जिसने यह दिखाया कि जनसुराज अब हर वर्ग की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर रहा है। इस क्रम में कुर्सैला की पवित्र धरती पर पहुंचकर उदय सिंह ने मां गंगा और कोशी के संगम स्थल और कटिहार, पूर्णिया व भागलपुर के त्रिवेणी क्षेत्र की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक विरासत को नमन किया। उन्होंने कहा कि यह धरती केवल भौगोलिक रूप से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी बिहार की आत्मा को जोड़ती है।
कुर्सैला के साथियों का दायित्व कई गुना बढ़ जाता है क्योंकि वे उस त्रिवेणी संस्कृति के वाहक हैं जो जनसुराज के मूल्यों — स्वच्छ छवि, पारदर्शिता और जनभागीदारी — को मजबूत करती है। उदय सिंह ने कहा कि पूर्णिया की इस प्रवेशद्वार भूमि पर कदम रखते हुए वे अपने सभी मित्रों, सहयोगियों और प्रबुद्ध जनों के प्रति आभार प्रकट करते हैं। उनका यह दौरा सिर्फ एक राजनीतिक पहल नहीं, बल्कि बिहार के सामाजिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की शुरुआत है। जनसुराज की यह यात्रा अब सिर्फ सत्ता की नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई बन चुकी है, जिसमें हर जाति, वर्ग, क्षेत्र और लिंग की समान भागीदारी है। “जय जनसुराज” के नारों के बीच एक नए बिहार की आशा आकार ले रही है — एक ऐसा बिहार, जो अपने गौरवशाली अतीत से जुड़कर भविष्य की ओर आत्मविश्वास से बढ़ रहा है।