कटिहार: जिले में फाइलेरिया (हाथी पांव और हाइड्रोसील) से बचाव और संभावित मरीजों की पहचान के उद्देश्य से सदर अस्पताल सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य अधिकारियों को नाइट ब्लड सर्वे (NBS) की प्रक्रिया की जानकारी दी गई।
इस दौरान प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. जे. पी. सिंह, भीडीसीओ एन. के. मिश्रा, सुप्रिया कुमारी, भीबीडी कंसल्टेंट जे. पी. महतो, पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीड अभिजीत कुमार सिंह और प्रोग्राम ऑफिसर अभिमन्यु कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में बताया गया कि सर्वे के तहत रात 8:30 बजे के बाद वयस्क लोगों के रक्त के कुछ बूंद सैंपल लिए जाएंगे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि फाइलेरिया के कीटाणु मौजूद हैं या नहीं।
जहां संक्रमण दर 1 प्रतिशत से अधिक होगी, वहां फरवरी 2026 में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जाएगा। डॉ. जे. पी. सिंह ने कहा कि लोगों को सर्वे में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए ताकि बीमारी की समय पर पहचान हो सके और फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा का सेवन कर लोग हाथीपांव, हाइड्रोसील जैसी बीमारियों से पूरी तरह सुरक्षित रह सकें।

