अमौर के विष्णुपुर काली मंदिर में कार्तिक मास पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, मंदिर बना आस्था और संस्कृति का केंद्र

पूर्णिया, विमल किशोर: अमौर प्रखंड क्षेत्र के विष्णुपुर पंचायत में स्थित विष्णुपुर काली मंदिर इस वर्ष भी कार्तिक मास के अवसर पर भव्य सजावट और धार्मिक आयोजनों के लिए श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना। मंदिर में मां काली की प्रतिमा को विशेष विधि-विधान से स्थापित किया गया, और श्रद्धालु अपनी अटूट भक्ति और विश्वास के साथ पूजा-अर्चना में शामिल हुए। कहा जाता है कि यह मंदिर लगभग तीन सौ वर्ष पुराना है और इसकी स्थापना की कहानी अत्यंत रोचक है। कथाओं के अनुसार, रानीगंज हांसा से आए एक नवविवाहित दुल्हन ने अपने मायके से लाए खोइछा को बरगद के विशाल पेड़ के नीचे स्थापित कर मां काली की पूजा की, तभी से यह परंपरा चली आ रही है। समय के साथ छोटे से मिट्टी के चबूतरे और घास-फूस के मंदिर ने व्यापक विस्तार पाकर टीन की छत और अब भव्य संरचना का रूप ले लिया, जो पूरे क्षेत्र के लिए आस्था का प्रमुख स्थल बन चुका है।

मंदिर की सजावट परंपरागत कच्चे फूलों और दीपों से की जाती है, और इस दौरान पूरे परिसर में धार्मिक वातावरण का अनुभव होता है। कार्तिक मास के अवसर पर मंदिर में मेला भी आयोजित किया जाता है, जिसमें झूले, खेल-तमाशे, मनिहारा और अन्य दुकानें सजती हैं, जिससे भक्तों के साथ-साथ स्थानीय लोगों में भी उत्साह का माहौल रहता है। पूजा-अर्चना और मंदिर की व्यवस्था में स्थानीय ग्रामीणों का सहयोग सदैव बना हुआ है। पहले यह जिम्मेदारी क्षेत्र के जमींदार मित्रनाथ झा द्वारा निभाई जाती थी, अब उनके शिष्य देवेशनाथ झा के नेतृत्व में पूरी जाती है।

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स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर ने न केवल धार्मिक आस्था को मजबूती दी है, बल्कि पूरे गांव की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को भी स्थापित किया है। हर वर्ष यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, अपने परिवार की सुख-शांति और कल्याण के लिए मां काली के दर्शन करते हैं। मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना के साथ-साथ धार्मिक भजन और कीर्तन का आयोजन भी होता है, जिससे भक्तिमय माहौल बनता है।

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