NEW DELHI ; अमेरिकी डॉलर ने बुधवार, 18 फरवरी 2025 को फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) के मीटिंग मिनट्स के बाद मजबूती पकड़ी। फेड द्वारा ब्याज दरों पर किसी भी जल्द बदलाव की संभावना को स्पष्ट न करने के बाद डॉलर के मूल्य में तेजी आई है, जिससे वैश्विक बाजारों में हलचल देखने को मिली।
FOMC मीटिंग मिनट्स के प्रभाव
FOMC के मिनट्स में ये संकेत मिले कि फेडरल रिजर्व अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता को देखते हुए अपनी मौजूदा नीतियों को बनाए रखेगा। फेड के अधिकारियों ने अर्थव्यवस्था के लिए संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की बात की, लेकिन ब्याज दरों में किसी भी तत्काल वृद्धि से इंकार नहीं किया। इसके बाद, अमेरिकी डॉलर में मजबूती आई और विदेशी मुद्रा बाजार में इसकी वैल्यू में इजाफा हुआ।
वैश्विक बाजारों पर असर
डॉलर की मजबूती के साथ-साथ अन्य प्रमुख मुद्राओं, जैसे यूरो और जापानी येन, के मुकाबले डॉलर का मूल्य बढ़ा है। वैश्विक शेयर बाजारों में भी हल्का उतार-चढ़ाव देखा गया, क्योंकि निवेशकों ने डॉलर के लाभ के प्रति प्रतिक्रिया दी। यूरोपीय और एशियाई बाजारों में थोड़ी गिरावट देखने को मिली, जबकि अमेरिकी स्टॉक बाजारों में स्थिरता रही।
डॉलर के लिए क्या अर्थ है यह बदलाव?
विश्लेषकों का मानना है कि डॉलर की बढ़त वैश्विक अर्थव्यवस्था में उच्च ब्याज दरों के असर को और बढ़ा सकती है। इस वृद्धि के कारण अमेरिकी निवेशकों के लिए विदेशी निवेश पर लाभ का अवसर पैदा हो सकता है। साथ ही, डॉलर की मजबूती से अमेरिकी आयातकों के लिए अधिक कीमतों पर सामान खरीदना महंगा हो सकता है, जबकि निर्यातकों के लिए यह एक चुनौती हो सकती है।
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