SAHARSA NEWS ,अजय कुमार : विद्यापति चेतना समिति के तत्वावधान में रविवार को शहर के डीबी रोड स्थित जिला परिषद सभागार में अंतराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन आयोजित हुई जिसमें मैथिली के वर्तमान दिशा व दशा पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। इस अवसर पर आकाशवाणी दरभंगा से आये प्रसिद्ध उद्घोषक मणिकांत झा के संचालन में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि विद्यापति सेवा संस्थान के अध्यक्ष बैद्यनाथ बैजू चौधरी,साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष कमलाकांत झा,डॉ नारायण झा,डॉ कुलानंद झा,डा महेन्द्र नारायण राम,विद्यापति चेतना समिति के अध्यक्ष राधाकांत ठाकुर,जिप अध्यक्ष किरण देवी,डॉ शैलेंद्र कुमार, रंजीत दास,सुरेश्वर पोद्दार, नंद चौधरी, पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना, नुनू ठाकुर, शंकरानंद ठाकुर, प्रोफेसर विवेक, प्रवीण कुमार,जय राम झा, उदयकांत मिश्रा, प्रेम कुमार एवं विनोद कुमार झा के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। इससे पूर्व महाकवि विद्यापति रचित गोस्वामी गीत जय जय भैरवि भगवती गीत का गायन हरेराम झा के द्वारा किया गया। जबकि स्वागत गीत रानी झा के द्वारा गायन किया गया।वही वेद अध्ययन विद्या केन्द्र महिषी के वेदपाठी छात्रों ने शत्रुध्न चौधरी के नेतृत्व में वेद मंत्रो का सस्वर गायन कर श्रोताओ को मंत्रमुग्ध किया। इस अवसर पर चेतना समिति द्वारा सभी अतिथियों को पाग चादर एवं फूलमाला पहनकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम के दौरान मैथिली भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर अब तक के हुई प्रगति के संबंध में जानकारी दी गई।कार्यक्रम के दौरान बैधनाथ झा बैजू एवं डॉ कुलानंद झा ने कहा कि मैथिली भाषा को अष्टम अनुसूची में शामिल तो कर लिया गया लेकिन राज्य सरकार इसके प्रति अब तक उदासीन बना हुआ है। जिसके कारण मैथिली भाषा के साथ अनदेखी की जा रही है। जबकि केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति में त्रिभाषा फार्मूला के अंतर्गत मातृभाषा मैथिली भाषा में प्राथमिक वर्ग से लेकर उच्च शिक्षा का पढ़ाई के निर्देश दिए गए हैं लेकिन इस संबंध में अब तक कोई भी कारगर कदम उठाया नहीं जा रहा है। इस विषय पर मैथिली विद्वानों ने चिंता व्यक्त करते हुए मैथिली भाषा को प्राथमिक शिक्षा में पढ़ाई एवं बीपीएससी परीक्षा में वैकल्पिक विषय के रूप में पुन: शामिल करने की मांग की गई।डा नारायण झा ने कहा कि सभी जातियों के लोग बीपीएससी में मैथिली भाषा में सफल हुए है।जबकि वर्तमान में बिहार सरकार द्वारा मैथिली को बीपीएससी मे मेधा अंक में नही जोड़ा जा रहा है।इस मौके पर डॉ शिलेन्द्र कुमार और सुरेश्वर पोद्दार ने कहा कि मिथिला मे रहने वाले सभी लोग मिथिलावासी है।जिनकी मातृभाषा मधुर मैथिली भाषा है।डॉ कमलाकांत झा ने कहा कि मिथिला प्रचीन देश था जिसका प्रमाण रामचरितमानस और पुराणों में वर्णित है।लेकिन वर्तमान मे हमलोग मिथिला राज्य के लिए तरस रहे है।ऐसे मे हम सबों को एकजुट होकर इस निर्णायक लड़ाई को आगे बढाना है। इस मौके पर कितना समिति द्वारा मिथिला विभूति एवं मिथिला सम्मान से सम्मानित किया गया जिसमें डॉक्टर शैलेंद्र कुमार डॉ राकेश कुमार बलभद्र झा प्रेमी एवं सामाजिक क्षेत्र में रंजीत दास को मिथिला सम्मान से सम्मानित किया गया।इस अवसर पर धनंजय झा,राघव झा,कुलानंद पौद्धार, विनोद कुमार झा, रविंद्र कुमार झा, विजय कुमार झा,आदित्य ठाकुर,सुनील कुमार झा,विकास वर्धन,अभिषेक रंजन सहित अन्य मौजूद रहे।