Cloudburst in Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से मची तबाही: रामबन में 40 घर ध्वस्त, बाढ़ ने बहाईं गाड़ियां
Cloudburst in Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार सुबह बादल फटने से भारी तबाही मची है। सेरी बागना और धर्मकुंड इलाकों में अचानक आई बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है। बाढ़ के पानी ने करीब 40 घरों को पूरी तरह नष्ट कर दिया, वहीं 25-30 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। कई वाहन भी बाढ़ के तेज बहाव में बह गए।
राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग नाशरी और बनिहाल के बीच कई जगहों पर अवरुद्ध हो गया है। यातायात विभाग ने लोगों से सड़क साफ होने तक यात्रा न करने की सलाह दी है। पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। अब तक 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
प्रशासन का त्वरित एक्शन, सांसद ने लिया जायजा
रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता प्रभावित लोगों को भोजन, आश्रय और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है।” बीजेपी सांसद जितेंद्र सिंह ने भी प्रशासन के साथ मिलकर स्थिति पर नजर रखने की बात कही। उन्होंने कहा, “जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर कई जिंदगियां बचाईं। जरूरत पड़ने पर मेरे निजी संसाधनों से भी मदद दी जाएगी।”
लोगों में दहशत, राहत कार्य तेज
बाढ़ प्रभावित गांवों में लोग दहशत में हैं। कई परिवार अपने घरों में फंस गए थे, जिन्हें रेस्क्यू टीमों ने सुरक्षित निकाला। प्रशासन ने अस्थायी तंबू बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन, पानी, और चिकित्सा शिविरों की व्यवस्था की है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
पिछले हादसों ने बढ़ाई चिंता
रामबन में हाल के वर्षों में जमीन धंसने और बादल फटने की घटनाएं बढ़ी हैं। पिछले साल पेरनोट गांव में जमीन धंसने से 50 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और अनियंत्रित निर्माण इन आपदाओं को और गंभीर बना रहे हैं।