MAHA KUMBH ; किन्नर अखाड़े में बड़ा फेरबदल हुआ है, जहां आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को पद से हटा दिया गया है। किन्नर अखाड़े के प्रमुख अजयदास ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अखाड़े से निष्कासित करने का ऐलान किया। इसके अलावा, ममता कुलकर्णी को भी इस अखाड़े से हटा दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, इन दोनों को नियमों के खिलाफ कार्य करने के कारण अखाड़े से बाहर किया गया है। अजयदास ने खुद को किन्नर अखाड़े का संस्थापक बताया और इस निर्णय की पुष्टि की।
इससे पहले, ममता कुलकर्णी, जो 25 साल बाद विदेश से मुंबई लौटी थीं, ने महाकुंभ जाने का ऐलान किया था। 28 जनवरी को अचानक किन्नर अखाड़े में उन्हें महामंडलेश्वर बना दिया गया और उनका नाम बदलकर ममता नंदगिरी रख दिया गया। इस निर्णय पर विवाद उठ खड़ा हुआ, खासकर जब ममता को एक ही दिन में महामंडलेश्वर बनाया गया, जबकि इस पद को हासिल करने के लिए लंबे समय तक आध्यात्मिक अनुशासन और समर्पण की आवश्यकता होती है। इसके विरोध में योग गुरु रामदेव भी सामने आए थे।
ममता कुलकर्णी ने अपनी सफाई में कहा कि उन्हें किन्नर अखाड़ा इसलिए पसंद आया क्योंकि यह स्वतंत्र अखाड़ा है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें महामंडलेश्वर बनने से पहले चार बार परीक्षा ली गई थी और संतुष्ट होने के बाद ही यह प्रस्ताव उन्हें दिया गया। वहीं, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता को औपचारिक रूप से महामंडलेश्वर की पदवी दी थी, और उनका यह कदम किन्नर अखाड़े में नई चर्चाओं को जन्म दे रहा है।
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