भारत-नेपाल संबंधों को मजबूती देने हेतु पूर्णिया में “इंडिया-नेपाल पार्टनरशिप Summit 2025” का भव्य आयोजन
पूर्णिया: बिहार स्थित विद्या विहार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सब हिमालयन रिसर्च इंस्टीट्यूट (श्री) एवं इंडिया-नेपाल सेंटर (पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, नई दिल्ली) के संयुक्त तत्वावधान में “इंडिया-नेपाल पार्टनरशिप Summit 2025” का सफल आयोजन किया गया, जिसमें भारत और नेपाल के विभिन्न क्षेत्रों से आए विद्वानों, बुद्धिजीवियों, शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं ने भाग लिया। यह समिट भारत-नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों को सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी, जिसमें कुल तीन सत्र — उद्घाटन सत्र, राउंड टेबल डिस्कशन और शोध-पत्र प्रस्तुति — संपन्न हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत ‘श्री’ के अध्यक्ष प्रो. रत्नेश्वर मिश्र के स्वागत भाषण से हुई, जिसके बाद इंडिया-नेपाल सेंटर के समन्वयक अतुल के. ठाकुर ने समिट की विषयवस्तु और उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता और संचालन में प्रो. मणीन्द्र नाथ ठाकुर, डॉ. रमन, प्रो. पवन कुमार झा, इं. राजेश चंद्र मिश्र और अतुल के. ठाकुर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राउंड टेबल सत्र और पेपर प्रजेंटेशन में भारत और नेपाल के कई प्रमुख बुद्धिजीवी एवं विशेषज्ञ, जैसे भाष्कर कोईराला, मुकेश के. भट्टाराय, गिरिन्द्र नाथ झा, पुष्यमित्र, प्रवीण नारायण चौधरी, पूजा मिश्रा, मातृका नेपाल, प्रो. शंभू लाल वर्मा, डॉ. श्यामानंद, विभाकर मिश्रा, संतोष नायक, अरविन्द्र कुमार झा, विशाल, दिलीप घोष, पंकज रंजीत आदि ने भाग लिया।
सत्रों के दौरान प्रस्तुत विचारों में भारत-नेपाल के गहरे सांस्कृतिक संबंध, पर्यावरणीय सहयोग, सीमा-पार आपदा प्रबंधन, पारस्परिक व्यापार व आर्थिक आत्मनिर्भरता, औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना, सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी और संयुक्त विकास की आवश्यकता जैसे विषय प्रमुख रहे। फ्लोर पर उपस्थित शोधार्थियों द्वारा अनेक गंभीर शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए, जिन पर विशेषज्ञों की टिप्पणियाँ और सुझाव भी सामने आए। इस अवसर पर सब हिमालयन रिसर्च इंस्टीट्यूट, विद्या विहार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इन्टेक पूर्णिया चैप्टर और नेपाल व भारत के पाँच प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच आपसी सहयोग हेतु पाँच महत्वपूर्ण एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए, जो भविष्य में शिक्षा, शोध, सांस्कृतिक एवं तकनीकी आदान-प्रदान के द्वार खोलेंगे।
इस आयोजन में डॉ. सुजीत कुमार, डॉ. अनिकेत मानस, इं. सौरभ कुमार, शरद चन्द्र पाण्डे, राहुल शांडिल्य, विवेक राय, अरूण कुमार दुबे, मुकेश कुमार, करण कुमार, प्रिंस कुमार दास, रविकान्त, जीतन कुमार, कुन्दन सहित कई युवा प्रतिनिधियों और आयोजकों का भी उल्लेखनीय योगदान रहा। अंत में, डॉ. रमन ने कार्यक्रम का प्रभावशाली संचालन करते हुए सभी प्रतिभागियों, आयोजकों और संस्थानों का धन्यवाद ज्ञापन किया और घोषणा की गई कि इस तरह की समिट हर वर्ष नियमित रूप से आयोजित की जाएगी, जिससे भारत-नेपाल के संबंध और अधिक सुदृढ़, व्यावहारिक और भविष्य-केंद्रित बन सकें।