ARARIA NEWS : पति की दीर्घायु के लिए सुहागिन महिलाओं ने की वट वृक्ष की पूजा, रखा निर्जला उपवास
ARARIA NEWS/प्रिंस(अन्ना राय) : आज वट सावित्री व्रत है, जिसे महिला अपने पति की दीर्घायु के लिए रखती है। ऐसे में फारबिसगंज समेत अररिया जिले के विभिन्न स्थानों पर आज सोमवार को सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री की पूजा की। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कई घरों, मंदिरों में सुबह से ही पूजा का सिलसिला शुरू हो गया। सबसे अधिक भीड़ वट वृक्ष यानि बरगद के पेड़ के पास दिखी। जहां सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्ष में धागे लपेट पूजन- अर्चन किया। नगर से लेकर ग्रामीणांचलों के मंदिरों और अन्य स्थानों पर स्थित वट वृक्ष की पूजा सुहागिन महिलाओं ने धागे लपेट कर विधि विधान से किया। इस अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखा। भारतीय वांडमय में शायद इस पर्व के माध्यम से पूरी दुनिया को पर्यावरण संरक्षण का अप्रतिम संदेश दिया जाता है।वृक्ष पूजा का सदियों पुराना पर्व वट सावित्री रविवार को संपूर्ण जिले में पारंपरिक उल्लास व श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा की तथा पेड़ के चारो ओर रक्षा सूत्र बांध कर अपने पति व बच्चों की सलामती का वरदान मांगा। वृक्ष पूजा के बाद महिलाओं ने घर लौटकर अपने अपने पति के चरण स्पर्श किए तथा पंखा झलने की रस्म निभाई। मौके पर फल व मिठाईयों का प्रसाद भी बांटा गया। बता दें कि महिला शाम को व्रत के समापन के बाद ही अन्न ग्रहण करेगी। इस साल वट-सावित्री व्रत के दिन नव विवाहिताओं में भी उत्साह देखने को मिला। महिलाएं सज धजकर वट वृक्ष की पूजन-अर्चन के लिए पहुंची और पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना की।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पौराणिक मान्यता है कि पतिव्रता मां सावित्री अपने सत्यवान के प्राणों की रक्षा के लिए यमराज से छुड़ाकर वापस ले आई थी। इसदिन विशेष रूप से बरगद के वृक्ष की पूजा की जाती है। मान्यता है कि वट वृक्ष की पूजा करने से पति की लंबी आयु, सुख-समृद्घि और अखंड सौभाग्य का फल प्राप्त होता है। जैसा कि आप जानते हैं कि यह व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है और हिंदू शास्त्रों में वट सावित्री व्रत की कथा और महत्व बेहद खास है। बता दें कि यह व्रत नारी शक्ति, पति के प्रति समर्पण और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। आज इस पर्व को धूमधाम से मनाया गया है।