SAHARSA NEWS,अजय कुमार : सुपर बाजार के पश्चिम भाग का बहुउद्देशीय सांस्कृतिक परिसर नामकरण कर कला और संस्कृतिकर्मियों को समर्पित किया जाना चाहिए। जिससे इस शहर का सौंदर्यीकरण भी बढ़ेगा और कलाकारों को अपनी प्रतिभा को विकसित करने का अवसर। जहाँ की भूमि कला, साहित्य व संस्कृति से समृद्ध हो वहां एक भी सांस्कृतिक परिसर न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। जो है भी वहां मॉल और सामुदायिक भवन बना कर उसके अस्तित्व को समाप्त करने की बात कही जा रही है। जो निंदनीय है। उक्त बातें शशि सरोजनी रंगमंच सेवा संस्थान के सचिव वन्दन वर्मा ने कही।उन्होंने कहा कि सुपर बाजार में मॉल बने या सामुदायिक भवन अच्छी बात है। लेकिन सुपर बाजार के पश्चिम भाग को कला और कलाकार को ही समर्पित किया जाना चाहिए। ऐसा मनोरम स्थल जहां कला भवन, विज्ञान भवन, पुस्तकालय, प्रेस क्लब एक ही जगह अवस्थिय हो। ये अलग बात है कि प्रशासनिक उदासीनता हो या जनप्रतिनिधि के कारण यह अपने अस्तित्व में नहीं है। संत लक्ष्मीनाथ गोंसाईं कला भवन को आधुनिक रूप देकर जिसमें लाईट, साउंड, पर्दा, कुर्सी, एसी का समुचित व्यवस्था हो और न्यूनतम शुल्क पर कला और कलाकार को समर्पित किया जाय एवं भवन के सामने तालाब का सौंदर्यीकरण व भवन से सटे पश्चिम और दक्षिण भाग में अन्य बड़े शहरों की तर्ज पर मुक्ताकाश मंच एवं दर्शक को बैठने हेतु सीमेंटेड गैलरी का निर्माण, पूर्वाभ्यास कक्ष का निर्माण, चाहरदिवारी व परिसर को मनोरम करने सहित कला भवन की जीर्णोद्धार की मांग की है।
SAHARSA NEWS : संत लक्ष्मीनाथ गोंसाईं कला भवन को आधुनिक रूप देने की कलाकार ने मांग की

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