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Balochistan Announced Independence : ‘बलूचिस्तान में नहीं घुस पा रही पाक सेना’, बलूच नेता का बड़ा दावा; बोले- भारत समर्थन करे तो घोषित कर देंगे आजादी

Balochistan Announced Independence :  पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आजादी की लड़ाई तेज हो गई है। बलूच नेताओं का दावा है कि पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान के कई इलाकों में घुसने में नाकाम साबित हो रही है, जबकि बलूच लड़ाके लगातार पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को निशाना बना रहे हैं। इसी बीच, बलूच नेता मीर यार बलूच ने भारत से खुलकर समर्थन का आह्वान करते हुए कहा है कि अगर भारत बलूचिस्तान को मान्यता दे तो वे तत्काल आजादी की घोषणा कर देंगे।

बलूच नेताओं का दावा और पाकिस्तानी सेना की चुनौती:

हाल के दिनों में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे विद्रोही संगठनों ने पाकिस्तानी सेना पर कई बड़े हमले किए हैं, जिसमें दर्जनों पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। बलूच नेता मीर यार बलूच ने आज तक से बात करते हुए कहा, “पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान के अंदर घुसने में नाकाम साबित हो रही है। हम उन्हें हर जगह से खदेड़ रहे हैं।” उनका दावा है कि बलूच लड़ाके पाकिस्तान की सैन्य चौकियों, काफिलों और यहां तक कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से जुड़े प्रोजेक्ट्स को भी निशाना बना रहे हैं।

बलूचिस्तान में लंबे समय से स्वतंत्रता की मांग उठ रही है। बलूच लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार उनके प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रही है और उनके साथ भेदभाव कर रही है। बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है और खनिज संपदा से भरपूर है, लेकिन यहां के लोग बेहद गरीब हैं।

भारत से समर्थन की अपील:

बलूच नेता मीर यार बलूच ने भारत से सबसे पहले ‘डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान’ को मान्यता देने की अपील की है। उन्होंने कहा, “अगर भारत बलूचिस्तान को मान्यता दे देता है, तो हम तत्काल आजादी की घोषणा कर देंगे।” उन्होंने भारतीय मीडिया, यूट्यूबरों और बुद्धिजीवियों से भी आग्रह किया है कि वे बलूचों को ‘पाकिस्तानी लोग’ न कहें, क्योंकि वे खुद को पाकिस्तानी नहीं, बल्कि बलूचिस्तानी मानते हैं। मीर यार बलूच ने कश्मीर मुद्दे पर भी भारत का समर्थन किया है और कहा है कि पाकिस्तान को पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को खाली कर देना चाहिए।

भारत के लिए रणनीतिक बढ़त:

विश्लेषकों का मानना है कि बलूचिस्तान में बढ़ती अशांति भारत के लिए एक रणनीतिक बढ़त हो सकती है। अगर बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग होता है, तो इससे पाकिस्तान की भौगोलिक और आर्थिक स्थिति कमजोर होगी। साथ ही, स्वतंत्र बलूचिस्तान भारत के चाबहार पोर्ट परियोजना को मजबूत कर सकता है और अरब सागर में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा, जिससे चीन की चिंता भी बढ़ेगी।

हालांकि, भारत ने अभी तक बलूचिस्तान की स्वतंत्रता को औपचारिक समर्थन नहीं दिया है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में बलूचिस्तान का उल्लेख कर यह संकेत दिया था कि भारत इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उजागर कर सकता है। बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन और जबरन गायब किए जाने के मामले भी लगातार सामने आते रहे हैं, जिस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी चिंता व्यक्त करता रहा है। बलूच नेताओं का दावा है कि उनकी आजादी की लड़ाई अब अंतिम चरण में है और वे पाकिस्तान को एक और शर्मनाक हार देने के लिए तैयार हैं, जैसा कि 1971 में बांग्लादेश के मामले में हुआ था।

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