सहरसा

SAHARSA NEWS/जात धर्म के नाम पर बुनियादी मुद्दों को नजर अंदाज किया जा रहा : देवेंद्र यादव

SAHARSA NEWS,अजय कुमार : देश संक्रमण की दौड़ से गुजर रहा है। खासकर बिहार में लोग समाजवाद का मुखौटा लगाकर लोगों की आंखों में धूल झोक कर वोट बटोर रही है। राम मनोहर लोहिया जयप्रकाश नारायण एवं कर्पूरी ठाकुर के आदर्शों को मटियामेट कर रही है। खुदगर्ज लोग शासन सत्ता में आकर केवल अपने परिवार को बढ़ावा दे रहे हैं। जबकि शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार पलायन बिजली सड़क एवं कानून व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बिहार में एक नेता शारीरिक रूप से तो एक नेता मानसिक रूप से बीमार है।वहीं राज्य में हत्या लूट बलात्कार एवं अपराध चरम पर है। उक्त बातें भारत सरकार के पूर्व मंत्री एवं जनसुराज नेता देवेंद्र प्रसाद यादव ने कही। गुरुवार को शहर की कायस्थ टोला स्थित जनसुराज नेता नवल किशोर सिंह के आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने मीडिया कर्मियों को इसकी जानकारी दी। इस अवसर पर पार्टी जिला अध्यक्ष सुरेंद्र प्रसाद यादव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। वहीं पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना,डाक्टर विजय शंकर ने संबोधित किया।जबकि स्वागत नवल किशोर सिंह मंच संचालन बिष्णु स्वरूप ने किया।इस अवसर पर शमीम अख्तर,कमलकांत झा,विमलकांत झा,कुमार अमृत राज सहित अन्य मंचासीन रहें।इस मौके पर जन सुराज नेता देवेंद्र यादव ने कहा कि बिहार समाजवादियों का गढ रहा है।वहीं समाजवादी आंदोलन को स्थायित्व देने के लिए छात्र आंदोलन में भाग लेकर 1977 में विधायक बने। वही पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर के लिए मैंने फुलपरास से इस्तीफा देकर उन्हें चुनाव लड़वाया।उन्होंने कहा कि समाजवाद का नारा था जात नहीं जमात की ओर चलो, एक बनना नेक बनना है सहित अन्य मुद्दों पर समाजवादियों ने आम जनता को राहत पहुंचाई। उन्होंने कहा कि शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन जरूरी है। बिहार में शिक्षा स्वास्थ्य की लचर व्यवस्था है। जात धर्म के नाम पर बुनियादी मुद्दों को नजर अंदाज किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में सबसे बड़े समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनने से किसने रोका और समाजवाद को राष्ट्रीय स्तर पर कमजोर किया। उन्होंने कहा कि आज समाजवादियों की आवाज को जन सुराज एवं प्रशांत किशोर के द्वारा उठाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि पलायन को रोकने के लिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा किए जाएंगे। पूर्व मंत्री ने कहा कि इस देश में जो जितनी बड़ी समस्याएं खड़ी कर रहे हैं वह । बड़े राजनीतिक नेता बन गए हैं या बन रहे हैं। 2008 में कोसी नदी के कुशहा त्रासदी के बाद सुंदर कोसी बनाने का सपना दिखाने वाले कहां चले गए। 6 महीना बाढ़ एवं 6 महीना सुखाड़ आज भी बिहार में बना हुआ है। आज तक डैम का निर्माण नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि मैं लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया प्रदर्शन किया लाठियां भी खाई।लेकिन समाजवादियों की मांग को दरकिनार कर दिया गया। जन सुराज शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार पलायन बिजली सड़क आदि मुद्दों को लेकर इस चुनाव में लोगों के बीच जाएगी जबकि विपक्षी दल आकर्षक नारा ख्याली पुलाव घोषणाओं का सैलाब विज्ञापनों का जाल फैला कर जनता की आशाओं पर तुषारापात कर रहे हैं। उन्होंने तेजस्वी यादव के माई बहन योजना को बजट से बाहर का विषय बताया। उन्होंने कहा कि सुख सुविधा सहूलियत के लिए राजनीति में नहीं आए हैं बल्कि जनसुराज का उद्देश्य केवल और केवल समाज सेवा ही है।बिहार में जो संघर्ष करेगा वही सत्ता में वापस वापसी करेगा। आज समाजवाद की बात को प्रशांत किशोर उठा रहे हैं। दो ध्रुवीय राजनीति से जनता का मन ऊब चुका है। अब तीसरी धुरी को जन्म देने के लिए जनता लालायित है। उन्होंने कहा की बुराई से लड़ने के लिए जन सुराज सत्य का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कीचड़ से कीचड़ साफ नहीं होगा उसके लिए शुद्ध पानी की आवश्यकता है। ठीक उसी प्रकार भ्रष्ट व्यवस्था एवं भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए जनसुराज तैयार है। जनसुराज व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि मैं जब केंद्रीय खाद्य मंत्री था उस समय हमने भी लोगों को मुफ्त में रेबडी नही बांटी। बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए सस्ता अनाज का प्रावधान किया। उन्होंने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट भी नेताओं के फ्री पॉलिटिक्स पर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुफ्त की सामग्री बांंटकर लोगों को परजीवी मत बनाओ।डॉक्टर लोहिया ने भी कहा था कि आम जनता को खैरात खोर मत बनाओ। यह लोग जनता को पुरुषार्थ वीहिन कर रहे हैं।बिहार में अपना खाने का अनाज भी पैदा नहीं हो रहा है। लोग पलायन को मजबूर है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी पार्टी का ना तो विरोध कर रहे हैं और ना नुकसान कर रहे हैं। जनसुराज अपनी मुद्दों एवं नीतियों को लेकर लोगों के बीच जा रही है। खेती नौकरी और व्यापार प्रत्येक घर से एक रोजगार की नीति पर जनसुराज चल रही है। वहीं शराब बंदी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि गांधी जी की मनसा थी लोग शराब नहीं पिए बल्कि वैष्णव जीवन दिए।उन्होंने कभी भी कानून बनाकर शराब बंदी के पक्षधर नहीं थे। आज शराबबंदी तो लागू की गई है लेकिन उसे ठीक ढंग से क्रियान्वयन नहीं किया गया है। जिसके कारण शराब माफिया मालामाल हो रहे हैं वहीं नशा के कारण युवा वर्ग बदहाल हो रहा है। उन्होंने इस बार तीसरे विकल्प के रूप में जन सुराज को सत्ता में लाने का आह्वान किया।इस मौके पर जटाशंकर कुमार ,पियूष प्रसाद, सुशील सिंह फैजुर रहमान, डा सुशील कुमार, विपिन सिंह,यापुरा वापट सहित अन्य मौजूद थे।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *