BIHAR NEWS : बिहार कैबिनेट के अहम फैसले: गया का नाम बदला, सरकारी कर्मियों का महंगाई भत्ता बढ़ा
BIHAR NEWS : बिहार सरकार ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इन फैसलों में जहां गया शहर का नाम बदलने का प्रस्ताव शामिल है, वहीं राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी को भी मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त, कई अन्य विकासोन्मुखी परियोजनाओं और प्रशासनिक सुधारों पर भी मुहर लगाई गई।
गया का नाम बदलने का प्रस्ताव ‘गयाजी’ हुआ स्वीकृत:
कैबिनेट बैठक में गया शहर का नाम बदलकर ‘गयाजी’ करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। यह निर्णय शहर के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए लिया गया है। गया एक प्रमुख तीर्थस्थल है और यहां ‘जी’ प्रत्यय जोड़कर इसके पवित्र स्वरूप को और अधिक रेखांकित करने का प्रयास किया गया है। अब इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
सरकारी कर्मियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी:
राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी राहत देते हुए कैबिनेट ने महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी को भी मंजूरी दे दी है। हालांकि सटीक प्रतिशत की जानकारी अभी सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह केंद्रीय कर्मचारियों के डीए बढ़ोतरी के अनुरूप ही होगा। इस फैसले से राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा, जिससे उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि होगी।
अन्य अहम फैसले:
कैबिनेट की बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी हरी झंडी दी गई, जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र में सुधार: स्वास्थ्य और शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई योजनाओं को स्वीकृति मिली। इनमें नए पदों का सृजन, मौजूदा सुविधाओं का उन्नयन और नई कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं।
- आधारभूत संरचना विकास: राज्य में सड़कों, पुलों और अन्य आधारभूत संरचना परियोजनाओं के लिए भी आवंटन को मंजूरी दी गई, जिसका उद्देश्य कनेक्टिविटी में सुधार करना और आर्थिक विकास को गति देना है।
- रोजगार सृजन: युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से विभिन्न विभागों में नई नियुक्तियों और पदों के सृजन को भी मंजूरी मिली है।
- प्रशासनिक सुधार: सुशासन और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से कई प्रशासनिक सुधारों और नीतियों को भी स्वीकृति मिली, जिससे सरकारी कामकाज में अधिक दक्षता लाई जा सके।
इन फैसलों को बिहार के समग्र विकास और जन कल्याण की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।