KATIHAR NEWS ; डी.एस. कॉलेज, कटिहार में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन

KATIHAR NEWS ; डी.एस. कॉलेज, कटिहार में आयोजित तीन दिवसीय तकनीकी प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन उत्साह और गरिमामय वातावरण में हुआ। इस कार्यशाला का आयोजन वाणिज्य विभाग के सहायक प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. भरत कुमार मेहर और अंग्रेजी विभाग के सहायक प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सुमित सिंघा के नेतृत्व में किया गया। इस कार्यक्रम को आईक्यूएसी, डी.एस. कॉलेज, कटिहार के तत्वावधान में संचालित किया गया।

पहला दिन – एमएस वर्ड पर तकनीकी सत्र

कार्यशाला का शुभारंभ महाविद्यालय के माननीय प्राचार्य प्रो. (डॉ.) संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुआ। मंच को प्राचार्य, आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. स्वामी नंदन तथा आयोजकों द्वारा सुसज्जित किया गया। उद्घाटन सत्र में डी.एस. कॉलेज, पूर्णिया विश्वविद्यालय तथा अन्य संबद्ध महाविद्यालयों के 75 से अधिक स्नातक, स्नातकोत्तर, शोध छात्र एवं सहायक प्रोफेसर उत्साहपूर्वक शामिल हुए।

माननीय कुलपति अपनी व्यस्तताओं के कारण सत्र में शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने डॉ. अनवर हुसैन के माध्यम से अपना शुभकामना संदेश भेजा। पहले दिन का मुख्य सत्र “एमएस वर्ड एक संदर्भ उपकरण के रूप में” विषय पर था, जिसे डॉ. भरत कुमार मेहर ने प्रस्तुत किया। उन्होंने शोध कार्य में एमएस वर्ड के उपयोग, संदर्भ उपकरणों और शोध संबद्ध नैतिकता पर विस्तार से चर्चा की। यह सीमांचल क्षेत्र में अपनी तरह का पहला व्यावहारिक प्रशिक्षण था, जिसमें प्रतिभागियों को स्वयं सॉफ्टवेयर पर कार्य करने का अवसर मिला।

दूसरा दिन – मेंडले पर व्यावहारिक प्रशिक्षण

दूसरे दिन का तकनीकी सत्र मेंडले सॉफ्टवेयर के प्रशिक्षण पर केंद्रित था, जिसे डॉ. सुमित सिंघा ने संचालित किया। सत्र की शुरुआत प्रतिभागियों के लिए सॉफ्टवेयर की स्थापना और तकनीकी सहायता से हुई। इस दौरान तकनीकी स्वयंसेवकों की एक विशेष टीम ने प्रतिभागियों की सहायता की।

डॉ. सुमित सिंघा ने पहले मेंडले के सैद्धांतिक पक्ष को समझाने के लिए पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया, इसके बाद उन्होंने 75 से अधिक छात्रों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र में व्यावहारिक प्रदर्शन किया। इस सत्र में शोध के लिए मल्टीमीडिया के उपयोग और साहित्यिक संदर्भ प्रबंधन पर गहन चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने न केवल मेंडले के विभिन्न फीचर्स को सीखा, बल्कि इसे शोध लेखन में प्रयोग करने की भी समझ विकसित की।

तीसरा दिन – ज़ोटेरो प्रशिक्षण एवं विदाई समारोह

कार्यशाला के तीसरे दिन ज़ोटेरो सॉफ्टवेयर पर हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण दिया गया, जिसे डॉ. अभिषेक आनंद, सहायक प्रोफेसर, पी.जी. अर्थशास्त्र विभाग, पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया ने संचालित किया। उन्होंने ज़ोटेरो की बुनियादी अवधारणाओं, संदर्भ प्रबंधन और ग्रंथ सूची निर्माण पर व्याख्यान दिया।

व्याख्यान के दूसरे भाग में उन्होंने व्यावहारिक सत्र आयोजित किया, जहां प्रतिभागियों ने ज़ोटेरो को अपने सिस्टम में इंस्टॉल किया और उसका प्रयोग कर संदर्भ प्रबंधन सीखा। सत्र के अंत में नवीनतम शोध तकनीकों और डिजिटल संसाधनों पर भी चर्चा हुई।

विदाई सत्र – गरिमामय समापन
कार्यशाला के समापन समारोह की अध्यक्षता माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.) विवेकानंद सिंह ने की। इस अवसर पर रजिस्ट्रार प्रो. (डॉ.) अनंत प्रसाद गुप्ता, डी.एस. कॉलेज के प्राचार्य एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने मंच की शोभा बढ़ाई। माननीय कुलपति एवं अन्य अतिथियों का सम्मान शॉल और पौधा भेंट कर किया गया।

मंच संचालन डॉ. अनवर हुसैन ने किया, जबकि स्वागत गान महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सेंट्रल बैंक के शाखा सदस्य को भी सम्मानित किया गया। एन.सी.सी. के कैडेटों ने अनुशासन और व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्राचार्य प्रो. (डॉ.) संजय कुमार सिंह ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यशाला की सफलता पर हर्ष व्यक्त किया और सभी प्रतिभागियों एवं आयोजन समिति को बधाई दी। उन्होंने इस कार्यक्रम को महाविद्यालय के शैक्षणिक स्तर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाला बताया।

कार्यशाला का सार
तीन दिवसीय कार्यशाला ने शोधार्थियों एवं छात्रों को तकनीकी कौशल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एमएस वर्ड, मेंडले और ज़ोटेरो जैसे सॉफ्टवेयर के व्यावहारिक प्रशिक्षण से प्रतिभागियों को अपने शोध कार्य को अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बनाने में सहायता मिली। आयोजन समिति की मेहनत और सहभागियों की सक्रिय भागीदारी ने इसे एक यादगार आयोजन बना दिया।

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