BIHAR POLITICS: बिहार में नेताओं को मुफ्त में वोट लेने की आदत लग चुकी है, व्यवस्था परिवर्तन के लिए नेताओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करना जरूरी: प्रशांत किशोर

पटना: BIHAR POLITICS जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने समाज के प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठक में लोगों से नेताओं पर सिर्फ 5 साल तक भरोसा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता को हर 5 साल में अपना प्रतिनिधि चुनने का मौका मिलता है, इसलिए जनता को भी अपने प्रतिनिधि पर सिर्फ 5 साल तक भरोसा करना चाहिए और 35 साल तक किसी के बंधुआ मजदूर बनकर वोट नहीं देना चाहिए।

उन्होंने दक्षिण के राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि देश की जीडीपी में एक तिहाई योगदान देने वाले पांच दक्षिणी राज्य विकास के कई मानकों पर देश के अग्रणी राज्यों में गिने जाते हैं। सबसे ज्यादा विकास इन्हीं राज्यों में हुआ है, फिर भी सरकारें सबसे ज्यादा वहीं बदली हैं, कोई भी मुख्यमंत्री लगातार 10 साल से ज्यादा सत्ता में नहीं रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि जो सरकार में चुनकर आता है, उसे डर रहता है कि अगर उसने काम नहीं किया तो जनता उसे हटा देगी। वहीं दूसरी तरफ बिहार में पार्टियों और नेताओं को लोगों का कोई डर नहीं है और वे मुफ्त में वोट लेने के आदी हो गए हैं। इसलिए व्यवस्था परिवर्तन के लिए नेताओं की पारदर्शिता बहुत जरूरी है।

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