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Goa Temple Stampede : बिजली के झटके से मची अफरा-तफरी, 6 की मौत, 50 से अधिक घायल

Goa Temple Stampede : गोवा के शिरगांव में लैराई देवी मंदिर में 2 मई, 2025 को वार्षिक जत्रा उत्सव के दौरान मची भगदड़ ने भयावह रूप ले लिया, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा रात करीब 10:30 बजे हुआ, जब मंदिर परिसर में अचानक बिजली का तेज झटका महसूस किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बिजली के झटके से डरकर हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालु एक साथ संकरे रास्तों की ओर भागे, जिससे धक्का-मुक्की और भगदड़ की स्थिति बन गई। मरने वालों में तीन महिलाएं, दो पुरुष और एक बच्चा शामिल हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि मंदिर में भीड़ प्रबंधन की कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी, न ही पर्याप्त सुरक्षा कर्मी तैनात थे। बिजली के झटके की वजह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रारंभिक जांच में खुले तारों या दोषपूर्ण बिजली व्यवस्था की आशंका जताई जा रही है।

हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया, और घायलों को मडगांव व बांबोलिम के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। गंभीर रूप से घायल 8 लोगों को गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। उन्होंने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें बिजली के झटके के स्रोत, आयोजकों की लापरवाही, और मंदिर प्रबंधन की तैयारियों की जांच की जाएगी। स्थानीय लोगों और विपक्षी दलों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है, क्योंकि मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन सुरक्षा इंतजाम हमेशा अपर्याप्त रहते हैं।

पुलिस ने मंदिर प्रबंधन समिति के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया है और आयोजकों से पूछताछ शुरू कर दी है। प्रत्यक्षदर्शी रमेश नाइक ने बताया कि बिजली का झटका इतना तेज था कि लोग चीखने लगे, और अंधेरे में संकरे रास्तों पर भीड़ अनियंत्रित हो गई। विशेषज्ञों का कहना है कि मंदिरों में बुनियादी ढांचे की कमी और आपातकालीन निकास की अनुपस्थिति ऐसी घटनाओं को बार-बार जन्म देती है। इस हादसे ने एक बार फिर धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा मानकों को सख्त करने की जरूरत को उजागर किया है। जांच पूरी होने तक मंदिर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, और प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी करने का वादा किया है।

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