PURNEA NEWS/आनंद यादुका ; भवानीपुर प्रखंड मुख्यालय में इस समय सरकारी स्तर से आवंटित दुकानों को दुसरे को किराया पर लगाने का गोरखधंधा चल रहा है | इस गोरखधंधे की वजह से दुकान के सरकारी किरायेदार जहाँ मालोमाल हो रहे हैं | वहीं दूसरी तरफ सरकारी राजस्व को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पर रहा है | बिश्वस्त सूत्रों की मानें तो बाजार में सरकारी स्तर से आवंटित अंचल की दुकानों को आवंटित दुकानदारों के द्वारा दुसरे को किराया पर लगाने का काम किया गया है | जबकि बजरंगबली चौक के नजदीक प्रखंड से आवंटित दुकानों को भी किराये पर लगाने का काम किया गया है | इतना ही नहीं सरकारी स्तर से जिन व्यक्तियों को दूकान आवंटित किया गया है उनके द्वारा दुसरे व्यक्ति से पगाड़ लेकर महंगे भाड़ा पर दुसरे को दुकान देने का काम किया गया है |
आश्चर्य तो इस बात का है कि इन सभी बातों को जानते हुए भी सम्बंधित अधिकारीयों के द्वारा किसी प्रकार की कारवाई नहीं किया जा रहा है | जबकि इसके बिरुद्ध कारवाई के लिए कई बार सामूहिक रूप से आवाज भी उठाया जा चूका है | बावजूद इसके इस तरफ ना तो किसी प्रकार का ध्यान दिया जा रहा है और ना ही कारवाई की जा रही है | नतीजतन सरकार को लाखों के राजस्व का घाटा लग रहा है |
एसजीएसवाई योजना के तहत लाभुकों को स्वरोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रखंड मुख्यालय के मुख्य बाजार एवं बजरंगबली चौक के नजदीक सरकारी दुकाने बनाया गया है | प्रखंड के द्वारा आवंटित इन दुकानों के लाइसेंसधारी को प्रत्येक महीने की दस तारीख को प्रखंड नजारत में मासिक किराया जमा करना है | लाभुकों को मात्र ग्यारह महीने के लिए नियमानुसार दुकानें आवंटित किया गया था | लेकिन आवंटन के बर्षों बीत जाने के बावजूद इसका दुबारा रेन्युवल नहीं किया गया है |
क्या हैं नियम और मापदंड :—–
· दूकान जिसके नाम से आवंटित हुआ है वैसे सदस्य खुद या उनके परिवार के सदस्य इसे चला सकते हैं |
· स्वयं या पारिवारिक सदस्य के अलावे अन्य किसी को दुकान किराये पर या हस्तांतरित करने पर दूकान से बेदखल करते हुए कानूनी कारवाई का है प्रावधान |
· निर्धारित किराया हर महीने प्रखंड नजारत और अंचल नजारत में जमा करने का है सख्त आदेश |
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