Mangal Pandey
पटना

स्वस्थ बिहार ही है विकसित बिहार की पहली सीढ़ी: Mangal Pandey

पटना: जनस्वास्थ्य संवाद और सामुदायिक रेडियो को मजबूत करने की दिशा में एक एतिहासिक पहल करते हुए बिहार के स्वास्थ्य एवं विधि मंत्री Mangal Pandey ने “सेहत सही लाभ कई-सीधे बात मंत्री जी के साथ” नमक एक नयी रेडियो श्रृंखला का शुभारंभ किया. यह श्रृंखला ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गयी है. इसका पहला एपिसोड 24 मई, 2025 को राज्य भर में प्रसारित किया जाएगा. यह श्रृंखला स्वास्थ्य मंत्री और गोपालगंज, सारण, सिवान, भागलपुर, बाढ़, गया और वैशाली के कम्युनिटी रेडियो के प्रतिनिधियों के साथ हुई 60 मिनट की बातचीत से शुरू होती है जो इस कार्यक्रम की भागीदारी और स्थानीय प्रकृति को दर्शाती है.

मातृ स्वास्थ्य में हुई प्रगति को किया गया रेखांकित:
कम्युनिटी रेडियो के रिपोर्टरों से बातचीत के दौरान मंगल पांडेय ने बिहार की स्वास्थ्य सेकाओं, विशेषकर मातृ स्वास्थ्य में हुई महत्वपूर्ण प्रगति को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि लगभग बीस साल पहले बिहार की मातृ मृत्यु दर 100,000 जीवित जन्मों पर 374 थी. यह संख्या 2015-17 के दौरान घटकर 174 हो गयी. 2017-19 के बीच यह 118 रही. नवीनतम सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे के आंकड़ों के अनुसार 2020-2021 की अवधि में बिहार की मातृ मृत्यु दर अब 100 पर आ गयी है और आगामी 2022-23 के आंकड़ों में इसके और घटने की उम्मीद है. यानि केवल कुछ वर्षों में 18 अंकों की गिरावट दर्ज की गयी है.
स्वास्थ्य मंत्री ने बिहार की स्वास्थ्यकर्मी भर्ती योजना के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए 41,000 से अधिक पदों को भरा जा रहा है. 11,000 जी.एन.एम पदों की भर्ती प्रक्रिका चालू है और 10,600 ए.एन.एम. की भर्ती अगले 15 दिनों में पूरी कर ली जाएगी. इसके साथ ही एमबीबीएस डॉक्टरों, आयुष चिकित्सकों, स्नातकोत्तर विशेषज्ञों, दंत चिकित्सकों और चिकित्सा सहायकों की भर्ती भी तेजी से की जा रही है.

ग्रामीण स्वास्थ्य ढ़ांचे में हुआ सुधार:
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा ग्रामीण स्वास्थ्य ढ़ांचे में भी उल्लेखनीय सुधार हुए हैं. अब हर प्रखंड में एक 30 बेड वाला अस्पताल है और जिला स्तर पर 21 मॉडल अस्पताल स्थापित किये गए हैं. सीमांचल और पूर्वांचल जैसे इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और स्वास्थ्य उपकेंद्रों का कायाकल्प किया गया है. हमारे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में अब 12 प्रकार की जांच सुविधाएँ उपलब्ध हैं जो रोगों की शुरूआती पहचान और रोकथाम में मदद कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की ग्रामीण प्रथम नीति के तहत जब लोग अपने प्रखंड में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देखते हैं तो उन्हें भरोसा होता है. हमारा लक्ष्य है कि हर पंचायत और गाँव तक गुणवत्तापूर्ण देखभाल पहुंचे. अपने समापन संदेश में उन्होंने कहा कि बिहार को विकसित और आत्मनिर्भर बनाना है तो पहले उसे स्वस्थ बिहार बनाना होगा. इसमें कम्युनिटी रेडियो हमारी अहम् साझेदार है जो सरकार की योजनाओं और जनता की आवाज के बीच सेतु का कार्य कर रहे हैं. यह पहल बिहार को समावेशी औत अंतिम छोर तक पहुँचने वाली स्वास्थ्य संचार नीति को मजबूती देती है.

यह इंटरव्यू एक व्यापक ऑडियो और विडियोकास्ट श्रृंखला का हिस्सा है जिसमे स्थानीय भाषाओँ और संस्कृतियों से जुड़ी कम्युनिटी रेडियो इकाइयाँ शामिल हैं, जो आज भी सूचनात्मक अंतर को पाटने और नागरिक भागीदारी को सशक्त करने का एक सशक्त माध्यम बनी हुई हैं. अंत में उन्होंने कहा, “बिहार को विकसित और आत्मनिर्भर बिहार बनाने के लिए सबसे पहले उन्हें स्वस्थ बिहार बनाना होगा. कम्युनिटी रेडियो सूचना की खाई को पाटने और सरकारी स्वास्थ्य पहलों को अंतिम छोर तक पहुँचाने में अहम् भूमिका निभा रहे हैं. यह साक्षात्कार नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के एक व्यापक प्रयास का हिस्सा और स्थानीय संस्कृति व भाषाओं से गहराई से जुड़े कम्युनिटी रेडियो इस मिशन में मजबूत सहयोगी साबित हो रहे हैं.

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