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SAHARSA NEWS : छह सूत्री मांगों के समर्थन में बीएमएस ने प्रधानमंत्री के नाम डीएम को ज्ञापन सोंपा

SAHARSA NEWS/अजय कुमार : भारतीय मजदूर संघ द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर छह सूत्री मांग को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौपा गया।इस अवसर पर प्रदेश मंत्री शंभू कुमार चौबे जिलाध्यक्ष संतोष पासवान जिला मंत्री सुभाष चंद्र झा,गणेश शर्मा एवं सुशील कुमार सिंह मौजूद रहे। प्रदेश मंत्री सह जिला प्रभारी शंभू कुमार चौबे नें बताया कि भारतीय मजदूर संघ की 158वीं अखिल भारतीय कार्यसमिति बैठक 10-12 फरवरी 2025 गुवाहाटी, असम में केन्द्रीय बजट पर प्रस्ताव पारित किया गया।भारत सरकार द्वारा फरवरी 2025 को प्रस्तुत बजट में जहां आयकर सीमा बढ़ाकर कर्मचारी जगत को राहत दी गयी है। वही डेयरी उद्योग, मत्सय उद्योग, गिग वर्कर एवं लघु उद्योगों को भी राहत प्रदान की है।वरिष्ठ नागरिकों को भी टीडीएस द्वारा राहत देकर उनका सम्मान किया गया है। कैंसर जैसी बीमारी की दवा पर आयात शुल्क में छूट देकर राहत दी गई है। वही स्टार्टअप चमड़ा उद्योग ढांचागत विनिर्माण के माध्यम से रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जिसका यह कार्य समिति स्वागत करती है। किन्तु माननीय वित मंत्री को 6 जनवरी 2025 को बजट पूर्व बैठक में भारतीय मजदूर संघ द्वारा दिये गये सुझावों पर अपेक्षा के अनुरूप पूरी तरह कार्यवाही नहीं की गई।कार्यसमिति यह अनुभव करती है कि प्रस्तुत बजट से EPS 95 के 75 लाख से अधिक पेंशनर्स को कई राहत नहीं दी गई।

जिससे उनमें घोर निराशा व्याप्त है क्योंकि इस संहगाई के युग में 1000 रूपये से जीवन निर्वाह करना कल्पनातीत है। स्कीम वर्कर आंगनबाड़ी आशा मिड डे मील के साथ-साथ असंगठित जैसे बीड़ी, प्लांटेशन, चाय बागान मजदूर कृषि मजदूर एवं खनन मजदूरों की भी उपेक्षा की गई है।सरकार ने प्रस्तुत बजट में वर्ष 2030 तक Assets Monetization के माध्यम से 10 लाख करोड़ रूपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है। वहीं जीवन बीमा निगम में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति देकर सार्वजनिक सम्पत्ति की बिक्री का मार्ग खोलकर जले पर नमक छिड़का है। और सरकार का यह कदम आत्मर्निभर भारत की अवधारणा पर चोट है।भारतीय मजदूर संघ की 150वीं कार्यसमिति भारत सरकार से यह मांग करती है कि EPS 95 की न्यूनतम पेशन रूपये 5000 तत्काल की जाये व अंतिम तौर पर वेतन का 50 प्रतिशत+मंंहगाई पेंंशन का भुगतान किया जाये।EPF की वेतन सीमा 15000 रुपये से बढ़ाकर 30000 रुपये और ESIC की वेतन सीमा 21000 रुपये से बढ़ाकर 42000 रूपये की जाये।सार्वजनिक सम्पति की बिकी पर तत्काल रोक लगाई जाये।बीमा वित्तीय क्षेत्र में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश पर रोक लगाई जाये। स्कीम वर्कर्स को सरकारी कर्मचारियों के समान वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा दी जाये। असंगठित क्षेत्र हेतु पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जाय।

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