Jallianwala Bagh Massacre: शहीदों को ‘लुटेरा’ कहने पर भड़के करण जौहर, बोले– माफी मांगो या मौन साधो
♦ प्रतिनिधि, मुंबई: Jallianwala Bagh Massacre 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार के 106 साल बाद ब्रिटिश अधिकारी जनरल डायर की पड़पोती कैरोलिन डायर का एक ताजा बयान विवाद का कारण बन गया है। उन्होंने इस नरसंहार में शहीद हुए भारतीयों को ‘लुटेरे’ कहकर उनका अपमान किया, जिससे बॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्माता करण जौहर का गुस्सा फूट पड़ा है। करण जौहर ने सोशल मीडिया पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बयान पूरी तरह से हास्यास्पद है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि कैसे एक व्यक्ति इस प्रकार निर्दोष और निहत्थे भारतीयों को ‘लुटेरे’ कह सकता है, जिन्होंने अपने हक के लिए सिर्फ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया था।
करण जौहर ने कहा कि कैरोलिन डायर को इस बात का खेद महसूस करना चाहिए और उन्हें तुरंत माफी मांगनी चाहिए। जौहर ने यह भी स्पष्ट किया कि वह डायर की पड़पोती को न तो जानते हैं, न ही जानना चाहते हैं, और न ही उनसे कभी मिलना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग नरसंहार न केवल भारत के इतिहास में बल्कि पूरी दुनिया में सबसे जघन्य और अमानवीय घटनाओं में से एक है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। इस बयान के बाद, शहीद ऊधम सिंह के परिवार ने भी करण जौहर की प्रशंसा की है। ऊधम सिंह ने 21 साल बाद जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लिया था और उनके परिवार के सदस्य, जैसे हरदियाल सिंह, मलकीत सिंह, गुरमीत सिंह, जंगीर सिंह रत्न, और केसर सिंह ने कहा कि डायर की पड़पोती की टिप्पणी न केवल गलत थी, बल्कि यह उन जख्मों पर नमक छिड़कने जैसी थी जो आज भी भारत में ताजे हैं।
उन्होंने कहा कि करण जौहर ने इस मामले पर अपनी स्पष्ट राय रखते हुए देशभक्ति का उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसके अलावा, ऊधम सिंह के वारिसों ने मांग की कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को ब्रिटिश सरकार के समक्ष उठाए और कैरोलिन डायर से सार्वजनिक रूप से माफी की मांग करे। इस संबंध में जल्द ही एक पत्र लिखे जाने की योजना बनाई जा रही है। यह घटनाक्रम जलियांवाला बाग नरसंहार के प्रति भारतीयों के गहरे आक्रोश और उस समय के दमनकारी ब्रिटिश शासन की अमानवीयता को फिर से उजागर करता है।