पटना: Better Health बिहार में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल की है, जिसके तहत ‘जीवन दीप मेंटरिंग कार्यक्रम’ की शुरुआत की जा रही है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के चिन्हित प्रसव केंद्रों, लेबर रूम एवं एसएनसीयू/एनबीएसयू में कार्यरत डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों की तकनीकी दक्षता को बढ़ाना और देखभाल की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है। पहले चरण में 35 जिला अस्पतालों और दानापुर एसडीएच को इस योजना में शामिल किया गया है, जहां प्रत्येक केंद्र से एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक शिशु रोग विशेषज्ञ और एक स्टाफ नर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा, यानी कुल 140 स्वास्थ्य कर्मियों को मेंटर के रूप में तैयार किया जाएगा।
इस कार्यक्रम की वैधता को राष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन मिला है, जैसा कि नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपे एक शोध में देखा गया, जिसमें उत्तर भारत के प्रसव कक्षों में काम कर रही 33 नर्सों पर अध्ययन के आधार पर यह पाया गया कि मेंटरशिप के अंतर्गत आने वाली नर्सों में प्रारंभिक मूल्यांकन, दस्तावेजीकरण और संक्रमण नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बेहतर प्रदर्शन हुआ। इस अध्ययन से यह स्पष्ट है कि प्रशिक्षण से न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आता है, बल्कि जटिल परिस्थितियों से निपटने की क्षमता भी बढ़ती है। पटना एम्स की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. इंदिरा प्रसाद ने भी इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम नर्सों और डॉक्टरों को जमीनी स्तर पर बेहतर निर्णय लेने में मदद करते हैं, जिससे मातृ एवं नवजात मृत्यु दर में कमी लाने में भी मदद मिलेगी।

