Kedarnath Helicopter Crash
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Kedarnath Helicopter Crash: जयपुर के पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान समेत सात यात्रियों की दर्दनाक मौत, परिवार में छाया मातम

केदारनाथ: Kedarnath Helicopter Crash केदारनाथ के नजदीक रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में एक बड़ा विमान हादसा हुआ है। आज सुबह एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें जयपुर के पूर्व आर्मी ऑफिसर और वर्तमान पायलट राजवीर सिंह चौहान समेत सात यात्रियों की मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की राहत टीमें मौके पर पहुंची और बचाव कार्य में जुट गईं, लेकिन हादसे का इलाका अत्यंत दुर्गम वन क्षेत्र होने की वजह से राहत कार्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

यह हादसा सुबह करीब 5:30 बजे हुआ, जब केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी जा रहा हेलीकॉप्टर अचानक संपर्क में नहीं आया। बाद में पता चला कि हेलीकॉप्टर गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है। मृतकों में जयपुर के राजवीर सिंह चौहान भी शामिल हैं, जो करीब 14 वर्षों तक भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात रहे। कुछ महीने पहले वे सेना से सेवानिवृत्त होकर एविएशन पायलट के रूप में आर्यन कंपनी में काम कर रहे थे।

राजवीर सिंह चौहान का निधन उनके परिवार के लिए एक बड़ा सदमा है। उनकी पत्नी दीपिका चौहान भी सेना में पायलट हैं और पिछले चार महीने पहले ही उन्होंने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। राजवीर का परिवार जयपुर के शास्त्रीनगर इलाके के नाहरी का नाका क्षेत्र में रहता है। बेटे के असमय निधन की खबर सुनते ही उनके पिता गोविंद सिंह चौहान गहरे सदमे में हैं। पूरे परिवार पर मातम छाया हुआ है और उनके परिजन इस अपूरणीय क्षति को सहने की कोशिश कर रहे हैं।

राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि राजवीर सिंह चौहान का असमय निधन अत्यंत पीड़ादायक है और पूरे प्रदेश की संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिवार को इस मुश्किल घड़ी में हिम्मत देने की प्रार्थना की।

हादसे के बाद से क्षेत्र में तनाव और शोक का माहौल है। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों से संपर्क स्थापित कर आवश्यक सहायता प्रदान करने का भरोसा दिया है। साथ ही राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन भौगोलिक कठिनाइयों के कारण राहत टीमों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन ने आसपास के इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है और दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है।

यह हादसा धार्मिक पर्यटन के सीजन के बीच हुआ है, जब केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। हेलीकॉप्टर सेवाओं का उपयोग तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए आवागमन के लिए किया जाता है, इसलिए इस दुर्घटना से क्षेत्र में सुरक्षा और हवाई सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। अधिकारियों ने कहा है कि दुर्घटना की गहन जांच कर सुधार के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाएं न हों।

इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर यह याद दिला दिया है कि पर्वतीय क्षेत्रों में हवाई सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना कितना आवश्यक है। परिवारों के सपनों और उम्मीदों के साथ खेलना नहीं चाहिए, और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी सावधानी बरतनी होगी।

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