प्रशांत किशोर के गंभीर आरोप: “बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मेडिकल कॉलेज पर किया अवैध कब्जा”
पटना,Kishanganj Medical College Controversy : जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जायसवाल ने माता गुजरी देवी मेडिकल कॉलेज पर अवैध रूप से कब्जा किया और खुद को उसका निदेशक नियुक्त किया। किशोर ने यह भी दावा किया कि कॉलेज में 50 से अधिक नेताओं के रिश्तेदारों को बिना किसी प्रवेश परीक्षा के दाखिला दिया गया, जिनमें राजद नेताओं के परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया कि एक समय क्लर्क की नौकरी करने वाला व्यक्ति आज मेडिकल कॉलेज का डायरेक्टर कैसे बन गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज के जरिए सत्ताधारी दलों और विपक्षी नेताओं के बीच एक ‘सांठगांठ’ चल रही है, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। किशोर ने कहा, “राबड़ी देवी दिलीप जायसवाल को अपना मुंहबोला भाई मानती हैं, यही वजह है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है।”
भाजपा और दिलीप जायसवाल ने किया आरोपों का खंडन
भाजपा ने प्रशांत किशोर के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए उन्हें “बेबुनियाद और मनगढ़ंत” करार दिया है। पार्टी की ओर से कहा गया कि किशोर के पास कोई ठोस प्रमाण नहीं है और वह केवल राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने स्वयं आरोपों का खंडन करते हुए कहा, “मैं बहुत जल्द प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए हर आरोप का जवाब दूंगा। मैंने जो भी हासिल किया है, वह पूरी तरह कानून और नियमों के तहत किया है। किशोर सिर्फ सुर्खियों में बने रहने और सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं।”
राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज
प्रशांत किशोर के इन आरोपों के बाद बिहार की सियासत में नए सिरे से बहस शुरू हो गई है। विपक्ष की चुप्पी और सत्तारूढ़ दल की प्रतिक्रिया दोनों ही सवालों के घेरे में हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या नया मोड़ आता है और क्या प्रशांत किशोर अपने दावों के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश करते हैं।