Murshidabad violence
पूर्णिया

Murshidabad violence: बंगाल में हिंदुओं पर हिंसा के विरोध में पूर्णिया में विश्व हिंदू परिषद का आक्रोश मार्च, राष्ट्रपति शासन की मांग

पूर्णिया: Murshidabad violence पश्चिम बंगाल में हिंदू समुदाय पर हो रही हिंसा और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी को लेकर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और दुर्गावाहिनी पूर्णिया में आक्रोशित हैं। इसी के तहत 22 अप्रैल को पूर्णिया जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन और आक्रोश मार्च आयोजित किया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद पूर्णिया के जिला मंत्री राणा गौतम सिंह ने बताया कि आंदोलन के अंत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को एक ज्ञापन जिला कलेक्टर के माध्यम से सौंपा जाएगा, जिसमें पश्चिम बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की जाएगी।

राणा गौतम सिंह ने आरोप लगाया कि वक्फ संशोधन कानून के विरोध की आड़ में बंगाल के मुर्शिदाबाद से शुरू हुई हिंसा अब पूरे राज्य में फैल चुकी है, जिसमें मुस्लिम भीड़ ने हिंदुओं के 200 से अधिक घरों और दुकानों को लूटकर आग के हवाले कर दिया, सैकड़ों लोगों को घायल किया गया और तीन नागरिकों की निर्मम हत्या की गई। हिंसा के कारण 500 से अधिक हिंदू परिवारों को पलायन करना पड़ा। साथ ही दर्जनों महिलाओं के साथ शीलभंग की घटनाएं भी सामने आई हैं।

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उन्होंने कहा कि हिंदू समाज का इस कानून के निर्माण में कोई योगदान नहीं था, फिर भी उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। यह हिंसा केवल कानून के विरोध में नहीं, बल्कि मुर्शिदाबाद को ‘हिंदू शून्य’ बनाने की सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। राणा ने बंगाल सरकार पर आरोप लगाया कि वह दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उल्टा शरणार्थियों को जेहादियों के हवाले लौटाने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संविधान विरोधी बयानों पर चुप हैं और हिंसा भड़काने वाले इमामों से मुलाकात कर रही हैं, जिनमें से एक ने हाल ही में उन्हें धमकी तक दी थी। विश्व हिंदू परिषद ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी सूरत में हिंदू विरोधी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा और मांग की कि केंद्र सरकार त्वरित हस्तक्षेप कर बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारते हुए राष्ट्रपति शासन लागू करे तथा दोषियों को कड़ी सजा दिलाए।

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