Operation Sindoor: आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को वैश्विक मंच पर रखने के बाद देश लौटे बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल
नई दिल्ली: Operation Sindoor 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत जहां भारतीय सेना ने पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, वहीं कूटनीतिक स्तर पर भी देश ने बड़ी रणनीतिक पहल की। इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार ने तीन बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में भेजे थे, जो आज अपना मिशन पूरा करके भारत लौट रहे हैं। ये प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका और पूर्वी एशिया के कुल 33 देशों का दौरा कर आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति और सैन्य कार्रवाई का पक्ष वैश्विक नेताओं और नीति निर्माताओं के सामने रखकर आए हैं।
इनमें से पहली टीम आज सुबह 8:45 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर उतरी, जिसकी अगुवाई बीजेपी सांसद बैजयंत जय पांडा ने की। उनके साथ AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी समेत सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य शामिल थे, जो अल्जीरिया, सऊदी अरब, कुवैत और बहरीन जैसे देशों की यात्रा पूरी करने के बाद लौटे हैं। ओवैसी सीधे हैदराबाद पहुंच गए हैं। दूसरी टीम दोपहर 2:45 बजे और तीसरी रात 9:50 बजे भारत पहुंचेगी।
सूत्रों के अनुसार, विदेश से लौटने के बाद इन सभी दलों के सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एकसाथ मुलाकात कर सकते हैं, जबकि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इन प्रतिनिधियों से अलग-अलग बातचीत कर सकते हैं। ऑपरेशन सिंदूर की सैन्य सफलता के बाद यह कूटनीतिक प्रयास भारत के उस संकल्प को दर्शाता है जिसमें आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी भारत के साथ खड़ा होना होगा। यह दौरा सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी अहम रहा, जिससे भारत ने यह संदेश दिया कि वह न केवल आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है, बल्कि उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तार्किक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत भी कर सकता है।