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पटना

बिहार में PM मोदी की 50वीं यात्रा बनी ऐतिहासिक, विकास को बताया “अर्द्धशतक”, पटना में भव्य रोड शो और परियोजनाओं की सौगात

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार यात्रा गुरुवार को कई मायनों में ऐतिहासिक बन गई। जैसे ही उन्होंने पटना एयरपोर्ट पर कदम रखा, यह प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी 50वीं बिहार यात्रा बन गई – एक ऐसा रिकॉर्ड जो अब तक किसी भी प्रधानमंत्री ने नहीं बनाया। उन्होंने इस मौके को “विकास का अर्द्धशतक” करार देते हुए राज्य के लिए विकास और सशक्तिकरण की नई सौगातों की झड़ी लगा दी। पटना एयरपोर्ट पर नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने बिहार को हवाई संपर्क के क्षेत्र में नई उड़ान दी। इस अत्याधुनिक टर्मिनल से राज्य की कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने बिहटा एयरपोर्ट की आधारशिला भी वर्चुअली रखी। कार्यक्रम में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति ने केंद्र और राज्य के सहयोग का संदेश दिया।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पटना में एक भव्य रोड शो किया, जो आरण्य भवन से भाजपा कार्यालय तक लगभग 6 किलोमीटर लंबा था। इस रोड शो में हजारों की संख्या में लोग तिरंगा लेकर सड़कों पर खड़े दिखे और जगह-जगह बनाए गए 32 स्वागत मंचों से पीएम का स्वागत किया गया। सुरक्षा व्यवस्था में 3000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात रहे। भाजपा कार्यालय पहुंचकर पीएम मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने 2024 लोकसभा चुनावों के अनुभवों से सबक लेते हुए आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा की। शुक्रवार को रोहतास जिले के विक्रमगंज और सासाराम में प्रधानमंत्री की जनसभाएं प्रस्तावित हैं। विक्रमगंज में वे कई बड़ी सरकारी परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे, जबकि सासाराम में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे, जिसमें 5 से 7 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है।

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यह सिर्फ एक चुनावी आयोजन नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के बिहार प्रेम और विकास प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस दौरे को “ऐतिहासिक” करार देते हुए कहा कि “बिहार अब मोदी युग के विकास का केंद्र बन चुका है। यह दौरा दर्शाता है कि प्रधानमंत्री के दिल में बिहार के लिए एक विशेष स्थान है।” उन्होंने इसे “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भाजपा की नई राजनीतिक ऊर्जा के रूप में भी बताया।प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल विकास परियोजनाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण रही, बल्कि भाजपा के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और बिहार की राजनीतिक दिशा को स्पष्ट करने वाला भी साबित हुआ।

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