पूर्णिया

पूर्णिया में धूमधाम से मनाई गई पृथ्वीराज चौहान जयंती: शौर्य और सनातन धर्म की रक्षा को किया नमन

PURNEA NEWS : शौर्य और पराक्रम की प्रतिमूर्ति, सनातन धर्म के रक्षक, महान योद्धा वीर शिरोमणि पृथ्वीराज चौहान की जयंती आज बाबू वीर कुंवर सिंह स्मारक संघ, पूर्णिया द्वारा धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत पृथ्वीराज चौहान के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करके की गई। कार्यक्रम के संयोजक माधव सिंह ने इस अवसर पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे गर्व है कि वीरता, शौर्य और उदारता के अद्वितीय प्रतिमूर्ति पृथ्वीराज चौहान हमारे वंशज हैं। भारत वर्ष को गौरवान्वित करने वाले हिन्दू सम्राट वीर शिरोमणि पृथ्वीराज चौहान जी की जयंती पर उन्हें नमन।” उन्होंने बताया कि पृथ्वीराज चौहान स्वाभिमान और मातृभूमि के प्रति अटूट निष्ठा के प्रतीक थे, जिनका जन्म 1166 ई. को गुजरात में हुआ था। उनके पिता का नाम सोमेश्वर चौहान और माता का नाम कर्पूर देवी था। पृथ्वीराज चौहान शब्द भेदी बाण की कला में निपुण और सनातन संस्कृति के महान रक्षक थे। पृथ्वीराज चौहान की जयंती के शुभ अवसर पर अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि आज के युवाओं को पृथ्वीराज चौहान जैसे तमाम महापुरुषों के संदर्भ में जानकारी रखने की जरूरत है ताकि आने वाले भविष्य का निर्माण हो सके।

राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष अमित सिंह और प्रवक्ता कुमार आनंद ने पृथ्वीराज चौहान के पराक्रम को याद करते हुए कहा कि उन्होंने मोहम्मद गोरी को सत्रह बार हराया और माफ किया, लेकिन एक बार मोहम्मद गोरी ने धोखे से पृथ्वीराज चौहान को बंदी बना लिया। तब भी उन्होंने अपने शब्द भेदी बाण का उपयोग कर मोहम्मद गोरी को मार गिराया और फिर स्वयं अपने प्राण त्याग दिए, क्योंकि पृथ्वीराज चौहान दुश्मन के हाथों मरना नहीं चाहते थे। ऐसे महान योद्धा पर हमारा पूरा राष्ट्र गर्व करता है। इस मौके पर दिनकर स्नेही, रंजन सिंह, डॉ. मनोज, आशीष राजपूत, छोटू सिंह, लड्डू सिंह, कुन्दन सिंह, सोनू सिंह, नितेश सिंह, दीपक सिंह, उदय कुमार, राजा सिंह, राणा सिंह चंदेल सहित बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

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