PURNEA NEWS : समूह से समृद्धि: महिला संवाद कार्यक्रम ने बदल दी ग्रामीण महिलाओं की तस्वीर, रुक्मिणी दिला रहीं बच्चों को उच्च शिक्षा
PURNEA NEWS : बिहार सरकार का ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है। श्रीनगर के सिंघिया पंचायत स्थित शिव मंदिर के प्रांगण में आज (शुक्रवार, 16 मई) 200 से अधिक महिलाएं एक साथ जमा होकर इस कार्यक्रम का हिस्सा बनीं। एलईडी स्क्रीन पर प्रदर्शित हो रहे वीडियो के माध्यम से उन्हें सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न महिला कल्याणकारी कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी गई, जिसमें पिछले दो दशकों के प्रयासों को प्रभावी ढंग से दर्शाया गया था।
योजनाओं की जानकारी और आकांक्षाओं का आदान-प्रदान:
कार्यक्रम के दौरान, तीन प्रकार के वीडियो दिखाए गए, जो कुल 50 मिनट के थे, जिनमें बालिका से लेकर वयस्क और वृद्ध महिलाओं तक के लिए बनी सरकारी योजनाओं का सटीक प्रसारण किया गया। यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की योजनाओं की समझ और पहुँच को आम जनता तक पहुँचाने में सफल होता दिख रहा है। उपस्थित महिलाओं के बीच महिला सशक्तिकरण से संबंधित 31 योजनाओं की जानकारी वाले लीफलेट बांटे गए, साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री का राज्य की महिलाओं के नाम संदेश पत्र भी था, जिसमें राज्य के विकास में उनकी उल्लेखनीय भूमिका और सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्त होकर समाज का नेतृत्व करने की बात कही गई थी।
जीविका दीदियों ने साझा किए अनुभव:
वीडियो प्रदर्शनी के तुरंत बाद, कई महिलाएं मंच पर आकर अपने अनुभव साझा करने लगीं। इनमें से अधिकतर महिलाएं जीविका स्वयं सहायता समूह की सदस्य थीं। बेली जीविका स्वयं सहायता समूह की रुक्मिणी देवी ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने समूह से ऋण लेकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारा और अब स्थिति बेहतर होने पर अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवा रही हैं।
इसी तरह, गगन जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी लता दीदी ने अपनी आकांक्षा व्यक्त करते हुए कहा कि सिंघिया पंचायत के जितिया घाट में कोशी नदी पर एक पुल का निर्माण हो, ताकि उनके बच्चे उच्च विद्यालय जाकर पढ़ाई कर सकें। कई अन्य महिलाएं भी अपनी बारी का इंतजार करती दिखीं, जो अपने अनुभव और आकांक्षाएं साझा करना चाहती थीं।
जमीनी हकीकत समझने का प्रयास:
यह ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम समाज के प्रत्येक वर्ग की ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक बदलाव की जमीनी हकीकत जानने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। एक तरफ, सरकार की विभिन्न महिला सशक्तिकरण योजनाओं से लाभ लेकर अपने जीवन को संवारने वाली महिलाएं अपनी आवाज सरकार तक पहुंचा रही हैं, वहीं दूसरी ओर, अभी तक वंचित रह गए लोग अपने, अपने परिवार और गांव के हित में अपनी आकांक्षाओं को सरकार से साझा कर रहे हैं। सरकार इन प्राप्त आकांक्षाओं और सुझावों के आधार पर अपने विभिन्न विभागों के सामंजस्य से इन्हें पूरा करने में जुटी है, ताकि एक सशक्त ग्रामीण समाज और सशक्त नारी की अवधारणा को पूर्ण रूप से जमीन पर उतारा जा सके।
कार्यक्रम की व्यापकता:
आज, कार्यक्रम के 29वें दिन, जिले के 42 जीविका महिला ग्राम संगठनों में ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अब तक कुल 1197 ग्राम संगठनों में यह कार्यक्रम हो चुका है, जिसमें 2 लाख 50 हजार से अधिक ग्रामीण महिलाएं सक्रिय रूप से हिस्सा ले चुकी हैं। कार्यक्रम के दौरान 36 हजार से अधिक व्यक्तिगत और सामूहिक आकांक्षाओं को दर्ज किया जा चुका है। यह कार्यक्रम जून के मध्य तक लगातार रूप से चलेगा, जिससे और भी अधिक महिलाओं तक पहुँच बनाई जा सकेगी।