Purnia Breaking: पूर्णिया में डाटा ऑपरेटर की संदिग्ध मौत से मचा हड़कंप, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
पूर्णिया: Purnia Breaking बिहार के पूर्णिया जिले के सरसी थाना परिसर के निकट कोसी कॉलोनी स्थित सरकारी क्वार्टर में तैनात डाटा ऑपरेटर ललित कुमार दास की संदिग्ध मौत ने इलाके में सनसनी मचा दी है। शनिवार शाम ललित का शव फंदे से लटका मिला, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। ललित सरसी थाना में एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट के पद पर कार्यरत थे और जलालगढ़ थाना क्षेत्र के भाटेली वार्ड संख्या 2 के निवासी थे।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच शुरू कर दी। परिजनों ने इस घटना को आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या करार देते हुए हत्या की साजिश की आशंका जताई है। मृतक के बड़े भाई लाल बहादुर दास ने कहा कि ललित की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम को फोन पर हुई बातचीत में ललित पूरी तरह सामान्य थे और किसी भी तरह की परेशानी नहीं दिखी। परिजन इस मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी और उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, शनिवार को ललित ड्यूटी पर उपस्थित नहीं थे। जब उनकी स्कूटी थाना के पास खड़ी मिली और फोन पर संपर्क नहीं हो सका, तो पुलिस ने उनके सरकारी क्वार्टर का दरवाजा खोलकर देखा, जहां उनका शव फंदे से लटका हुआ पाया गया। इस घटना के बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बनमनखी सुबोध कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी प्रमोद कुमार, थानाध्यक्ष संजय कुमार समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।
सुरक्षा और जांच की दृष्टि से फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम को भी घटनास्थल पर बुलाया गया है, जो मौके पर मौजूद साक्ष्यों की बारीकी से जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। ललित कुमार लगभग दो वर्षों से सरसी थाना में कार्यरत थे। इससे पहले वे भवानीपुर थाना में भी तैनात रहे हैं। पुलिस फिलहाल हर पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है कि यह आत्महत्या है या फिर हत्या की साजिश।
परिजन बताते हैं कि ललित पर थाने से मिलने वाले कार्यभार का भारी दबाव था, जिसके कारण वह मानसिक रूप से परेशान थे। इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं इस दबाव के चलते उन्होंने ऐसा कदम तो नहीं उठाया। परिजन इस मामले में जल्द निष्पक्ष जांच की उम्मीद कर रहे हैं ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को दंडित किया जाए। यह घटना स्थानीय प्रशासन के लिए भी चुनौती बन गई है, क्योंकि ऐसे मामलों में पुलिस की जांच की पारदर्शिता पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। लोगों की उम्मीद है कि पुलिस इस बार पूरी ईमानदारी से मामले की तह तक जाएगी।