PURNIA NEWS : बिहार के महिला एवं बाल विकास निगम तथा समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जागरूक किया जाता है कि गर्भावस्था के दौरान नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रशिक्षित चिकित्सकों और एएनएम के माध्यम से सभी आवश्यक जांचें, टीकाकरण, पोषण संबंधी सलाह तथा उपचार कराना अत्यंत आवश्यक है।
सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि सही खानपान, समय पर जांच और तनावमुक्त वातावरण गर्भवती महिला और शिशु को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। वहीं, डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों पर संस्थागत प्रसव और जन्म के तुरंत बाद शिशु को स्तनपान जैसी सुविधाएं नवजात के जीवन को सुरक्षित बनाती हैं। इस दिन के माध्यम से लोगों को यह संदेश दिया गया कि सुरक्षित मातृत्व और नवजात की बेहतर देखभाल के लिए हर गर्भवती महिला को स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़ना जरूरी है।