PURNIA NEWS/पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: मंगलवार को प्रखंड क्षेत्र में ऐसी बारिश आयी कि पूरे क्षेत्र के नीचले इलाकों को डूबो डाला तथा सैकडो घरों में जलजमाव से बाढ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इस बारिष से एकओर जहां किसानों को काफी फायदा हुआ है, वहीं मक्का की फसल को फाफी क्षति पहुंची है । गांवों में जहां पानी निकास का साधन नहीं है, वहां जलजमाव से ग्रामीण परशानी में पड गए हैं । ऐसा ही नजारा दर्जनों गांवों को जोडनेवाले गायत्रीनगर तेलडीहा गांव के तिरंगा चैक, बिंदटोली, एसएच 65 जोडनेवाली सडकों पर देखने को मिला, जहां भारी बारिश से लगभग एक किलोमीटर वर्ग क्षेत्र का एरिया पूरी तरह से जलमग्न हो गया है । यहां दर्जनों घरों में पानी प्रवेश कर जाने से लोगों को बाढ जैसी परेशानियां झेलनी पड रही है । इस संबंध में गांव के पीडितों ने अपनी परेशानी पर रोते हुए कहा कि वेलोग जलजमाव से काफी परेशान हैं । बिना बाढ के बाढ झेल रहे हैं । यहां पानी का कहीं निकासी नहीं है । गांव के कुछ लोगों ने गांव से निकलनेवाली हर सडक को पानी के निकास को ही अतिक्रमित कर निकास को बंद कर दिया गया है, जिससे यहां जलजमाव हो जा रहा है । यह जलजमाव महीनों तक रहता है । प्रशासन सिर्फ इसके निकास को खाली करा दे तो जलजमाव से मुक्ति मिल सकती है । साथही अगर सडक के किनारे नाला पंचायत की ओर से बना दिया जाए, तो यह पानी पोखर में निकल सकता है । परंतु इसओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है । वेलोग जैसे ही थोडी भी वर्षा होती है, वैसे ही जल जमाव की समस्या से जूझने लगते हैं । इधर पूर्व प्रमुख रेखा देवी, पूर्व पंचायत समिति सदस्य ब्रहमदेव महतो, सामाजिक कार्यकत्र्ता मनमोहन गुप्ता, छेदी जायसवाल, सनोज चैबे, मनोज चैबे, संजय यादव, , लडू जायसवाल, शंकर जायसवाल, अनिल मुंडा आदि ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह कोई आज की परेशानी नहीं है, बल्कि जबसे इस गांव में प्रधानमंत्री ग्राम सडक बनी, तबसे यहां जलजमाव की स्थिति पैदा हो गयी है । विभाग ने गहरी जमीन को गहरा ही रहने दी, जिससे पिछले डेढ दशकों से यहां के लोग बाढ जैसी परेशानी झेल रहे हैं । इस सडक की दो साल पहले मरम्मती हुई, परंतु ठीकेदार ने इस जगह को यूंही छोड दिया है । दूसरी ओर सरकार गली-नाली योजना चला रखी है, परंतु इसओर अभी तक इस गांव में जल निकासी के कोई कार्य नहीं किए गए हैं, जिससे यहां जलजमाव बर्षा शुरू होते ही अगले नवंबर माह तक चलता रहता है । यहां अगर नाली बना दिया जाता, तब निश्चित ही इस समस्या से मुक्ति मिल सकती थी । उन्हेांने सरकार से मांग की कि वह इस समस्या से जल्द मुक्ति दिलाए तथा ताकि बिना बाढ से बाढ की समस्या से जूझते इस गांव को जलजमाव से मुक्ति मिल जाए ।