पूर्णिया: PURNIA NEWS पूर्णिया स्थित प्रेक्षागृह सह आर्ट गैलरी में संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली की स्वायत्त संस्था के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय लोक और जनजातीय कलाकारों के उत्सव के दूसरे दिन, 30 अप्रैल 2025 को, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की लोक संस्कृति एवं लोकगीतों की जीवंत प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के पहले सत्र में अकादमी से सम्मानित, राजस्थान के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार गफरुद्दीन मेवाती जोगी ने महाभारत प्रसंगों को दोहे के माध्यम से सरस अंदाज़ में प्रस्तुत किया—‘सोतो से जाग बालम जी, बात सुनो मेरी’ जैसे दोहों और पारंपरिक बम लहरी की प्रस्तुति पर दर्शक झूम उठे।
वहीं दूसरे सत्र में छत्तीसगढ़ की चर्चित लोक कलाकार पूनम तिवारी ने भावनात्मक नृत्य शैली में छत्तीसगढ़ की संस्कृति को जीवंत कर दिया। उन्होंने भगवान विष्णु के वराह अवतार की आराधना, गणपति वंदना, लोकप्रिय सुआ गीत, गौरा-गौरी, और छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध राउत नाचा की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समापन में प्रस्तुत भजन ‘चोला माटी का हे राम’ ने माहौल को भावुक कर दिया और दर्शकों की आंखें नम कर दीं। इस शानदार सांस्कृतिक शाम के अंत में दोनों कलाकारों को वीवीआईटी निदेशक राजेश मिश्रा, उनकी धर्मपत्नी पल्लवी मिश्रा, और संगीत नाटक अकादमी के गवर्निंग काउंसिल सदस्य संजय चौधरी द्वारा अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी कुमार अभिजीत ने किया, जबकि दर्शकदीर्घा में वरिष्ठ रंगकर्मी उमेश आदित्य, अवधेश गुप्ता, अमित रौशन, कथाकार चंद्रकांत राय, विश्वजीत कुमार सिंह, संजय कुमार सिंह समेत शहर के अनेक बुद्धिजीवी, रंगप्रेमी और विभिन्न संस्थानों के छात्र उपस्थित रहे। विदित हो कि यह उत्सव 2 मई 2025 को समापन के साथ पूर्ण होगा।