PURNIA NEWS/पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: शुभ एवं अशुभ कर्माें का अलग-अलग फल भोगना पडता है, इसलिए हमेशा ही शुभ कर्म करें । उक्त प्रवचन महर्षि मेंहीं परमहंसजी महाराज के कुप्पाघाट आश्रम से आए महर्षि मेंहीं परमहंसजी महाराज के परम षिष्य पूज्यपाद स्वामी परमानंदजी महाराज धूसर गांव में अंजनी देवी की स्मृति में संतमत सतसंग के एक दिवसीय महाविराट आयोजन के समापन पर सतसंग प्रेमियों के ज्ञान-चक्षु खोलते हुए अपने प्रवचन में कही । इस अवसर इनके अलावा सिक्कट से आए संत राजकुमार स्वामीजी महाराज सहित अनेक साधु-महात्मा पधारे थे । इस अवसर पर अपने प्रवचन में संत परमानंद स्वामीजी महाराज ने अपनी अमृत वाणी का रसास्वादन कराते हुए कहा कि सभी सतसंग प्रेमी इतना जान लें कि शुभ एवं अशुभ कर्मों का अलग-अलग फल भोगना पडता है, ऐसा उदाहरण वेद, पुराण, महाभारत, रामायण सहित सभी धार्मिक ग्रंथोें में मिलता है । इसलिए सभी लोग इस प्रयास में रहें कि वे हमेशा शुभ कर्मों में लगे रहें । महाभारत में द्रोपदी के साथ जितनी भी घटनाएं हुईं, सभी को इस शुभ अशुभ कर्मों के रूप में उदाहरण स्वरूप देखा जा सकता है । सबसे पहले अपनी गलती को पहचानें, तभी किसी की गलती पर ध्यान दें । लोग अपनी गलती को सूई के नोक बराबर बताते हैं, परंतु दूसरों की गलतियों को पहाड बना देते हैं, जिससे समाज विद्वेष फैलता है तथा इसका सीधा प्रभाव हर व्यक्ति पर पडता है । इसलिए जो भी करें, हमेशा ही शुभ कर्म करें, ताकि मोक्ष मिल सके । इनके अलावा अन्य सभी महात्माओं ने भी अपनी-अपनी अमृतवाणी से सभी सतसंग प्रेमियों को धन्य किया । इस अवसर पर आयोजक सह स्वर्गीया अंजनी देवी के पति सुषील कुमार सिंह के अलावा हजारो की संख्या में सतसंग प्रेमी उपस्थित थे ।