PURNIA NEWS : उड़ान हौसलों में है मन किरण उम्मीद की, जश्न जीत का मने, बिन दिवाली ईद की- डॉ स्वराक्षी स्वरा
PURNIA NEWS/पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: उड़ान हौसलों में है मन किरण उम्मीद की, जश्न जीत का मने, बिन दिवाली ईद की । उक्त कविता खगडिया ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय स्तरों पर खगडिया का नाम उंचा कर चूकीं खगडिया की डॉ स्वराक्षी स्वरा ने यह कविता लिखी है । डॉ स्वराक्षी स्वरा की कई काव्य रचनाएं प्रकाशित हो चूकी हैं तथा वह किसी परिचय का मोहताज नहीं रह गई हैं । उनकी कविता में लिखी गई एक-एक बातें अपने ओज के लिए हमेशा ही चर्चित रही है । आज देश अपने आन-बान-षान के साथ दुश्मन देश के दांत खटे करने में सफलता पाई है, तब इस महिला कवयित्री ने भी अपनी कलम को ही हथियार बनाकर इस देश, इस देश की बेटी एवं समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी तय करते हुए कविता लिख डाली है, जो देश को एक नया संदेश देने में सार्थक प्रतीत होता है । उन्होंने लिखा है-
विश्वास का जयघोष हो, न मन में कोई दोष हो ।
चल रहा विकास पथ जिला सखी खगडिया, बढा रहा कदम-कदम जिला सखी खगडिया ।
भविष्य की छवि अभी निखर रही, संवर रही, विश्वास और संकल्प से कठिन नहीं, डगर कहीं,
नित पूर्णता का जयघोष कर रहा खगडिया….।
उड़ान हौसलों में है मन किरण उम्मीद की, जश्न जीत का मने, बिन दिवाली ईद की,
बेटियां भी चल रही, हक से डगर खगडिया…..
जैसे खेत में उगे गेहूं, धान मकईया, वैसे साथ-साथ खाएं, खीर और सेवइयां
जाति, धर्म, द्वेष में न बंध रहा खगडिया…..
दिन नहीं तो दूर जब, जगमग प्रकाश होगा, दंभी पापियों का स्वरा जल्द ही विनाश होगा
निपुण शिक्षा रोशनी में जल रहा खगडिया……
इस तरह डॉ स्वराक्षी स्वरा ने कविता के माध्यम से ही देश की बेटियों की उडान को दर्शाया है, आज बेटियां सेनाओं का प्रतिनिधित्व कर रही हैं तथा दुश्मन को मात दे रही हैं, झुकने पर मजबूर कर रही हैं । बेटियां हर विधा में पारंगत हो अपना जलवा दिखा रही हैं । इसके अलावा उन्होंने अन्नदाता को भी प्रणाम किया है तथा उनकी मेहनत से देश का पेट भरता रहे, यह भी कल्पना की हैं । साथही उन्होंने समाज में फैले जाति, धर्म, विद्वेष की भावना को समाप्त करने पर भी जोर दिया है तथा कहा कि सभी साथ-साथ खीर और सेवईयां खाएं। उन्होंने जयघोष भी किया है विश्वास एवं संकल्प का, जो देश की तरक्की में हमेशा लगा रहे ।