पूर्णिया

PURNIA NEWS : शिक्षक वेतन पाकर संतुष्ट हो जा रहे हैं, पब्लिक स्कूल के समानांतर चलकर प्रतिष्ठा पाने की ललक नहीं रह गयी है- सुधीर कुमार सिंह

PURNIA NEWS अभय कुमार सिंह : शिक्षक वेतन पाकर संतुष्ट हो रहे हैं, पब्लिक स्कूल के समानांतर चलकर प्रतिष्ठा पाने की ललक नहीं रह गई है । उक्त बातें विधानसभा क्षेत्र के अवकाशप्राप्त शिक्षक सह राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सुधीर कुमार सिंह ने वत्र्तमान सरकारी शिक्षकों के स्वभाव को लेकर चिंता प्रकट करते हुए कही । उन्होंने अपनी चिंता प्रकट करते हुए कहा कि शिक्षक वेतन पाकर संतुष्ट हो रहे हैं, पब्लिक स्कूल के समानांतर चलकर प्रतिष्ठा पाने की ललक नहीं रह गई है । आज प्राध्यापकों में सबसे बडी कमी है कि उनमें अपने विद्यालय को सजाना, कुछ पाना, कुछ देने जैसे भाव की कमी हो गई है । वे ऐसे प्राध्यापकों की तालाश निरंतर करते आ रहे हैं, परंतु उनकी तलाश पूरी नहीं हो पायी है । जो भी शिक्षक आ रहे हैं, उनमें देने की चाहत ना के बराबर है ।

बस पाने की चाहत उनमें भरी पडी है । वेे ना तो अध्यापन दे रहे हैं और ना ही इसमें सहयोग ही कर रहे हैं । इतना ही नहीं वे एक फूल से भी किसी का स्वागत करते दिख रहे हैं । जबकि इससे उलट पब्लिक विद्यालय हर कदम पर अपना परफोरमेंस लगातार दिखाते हैं तथा तालियां भी बटोरते हैं । जिले के चर्चित काझा, परोरा, सरसी, चंपानगर, महवाला आदि विद्यालयों के प्रधानों के बदलते ही उनके स्वरूप ही बदल गए । आज पब्लिक विद्यालयों के मुकाबले सरकारी विद्यालयों में ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा है कि वे उनके सामने ठहर पाएं । शिक्षा, समय, सजावट सबकुछ में जमीन-आसमान को अंतर दिख रहा है । उन्होंने सभी सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों से अपील की कि वे अपनी जिम्मेदारी समझें, बच्चों को अपने अध्यापन के माध्यम से देने का प्रयास करें, अन्यथा कहावत भी है कि जो देगा, वहीं पाएगा ।

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