आगरा, उ.प्र: Rana Sanga Jayanti मेवाड़ के वीर राजपूत राजा राणा सांगा की जयंती के मौके पर आगरा में करणी सेना की तरफ से आयोजित ‘रक्त स्वाभिमान रैली’ ने प्रशासन और सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। गढ़ी रामी गांव में हो रहे इस कार्यक्रम को लेकर स्थानीय प्रशासन ने सशर्त अनुमति दी है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि कानून व्यवस्था को किसी भी कीमत पर प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। रैली में पहुंच रहे समर्थकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिनमें से कई पारंपरिक प्रतीकों जैसे तलवारें और लाठियां लिए नजर आ रहे हैं। नारेबाज़ी और जोशीले माहौल के बीच सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर पर पहुंचा दिया गया है।
आगरा पुलिस ने पूरे शहर में 24 बैरियर पॉइंट बनाकर सुरक्षा का त्रिस्तरीय घेरा खड़ा किया है, साथ ही ड्रोन से निगरानी और दंगा नियंत्रण बल की तैनाती भी की गई है। इससे पहले 26 मार्च को करणी सेना कार्यकर्ताओं द्वारा सपा सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर किए गए उपद्रव की पृष्ठभूमि में इस रैली को लेकर प्रशासन बेहद सतर्क है। खुद DCP सिटी सोनम कुमार ने कहा है कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की गई है और पूरे शहर को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वहीं दूसरी ओर, इस आयोजन को लेकर विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा कि प्रशासन का यह निर्णय पूरी तरह राजनीतिक है और इससे साफ होता है कि सरकार खुद माहौल को तनावपूर्ण बनाना चाहती है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब हाल ही में हिंसा की एक घटना सामने आई है, तो फिर उसी संगठन को दोबारा सड़कों पर उतरने की अनुमति क्यों दी गई। रैली की राजनीतिक गूंज के साथ-साथ सामाजिक असर भी गहराता नजर आ रहा है। आगरा में जनजीवन पर इसका प्रभाव साफ दिखाई दे रहा है, खासकर उन इलाकों में जहां सुरक्षा बलों की भारी मौजूदगी है। फिलहाल प्रशासन का फोकस पूरी तरह शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की गड़बड़ी से निपटने पर है।
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