काशी, उ.प्र: Rangbhari Ekadashi 2025 काशी में हर साल महाशिवरात्रि के बाद रंगभरी एकादशी का विशेष आयोजन होता है, जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती के गौने की रस्म अदा की जाती है। इस साल रंगभरी एकादशी 10 मार्च को मनाई जाएगी और इस दिन बाबा खुद भक्तों के साथ होली खेलेंगे। यह परंपरा काशी में सदियों से चली आ रही है। इस बार विशेष बात यह है कि इस उत्सव में पहली बार नागा साधु भी शामिल होंगे, जो निरंजनी अखाड़े के संत दिगंबर खुशहाल भारती की अगुवाई में गौना बारात का हिस्सा बनेंगे।
गौने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत का आवास चार दिन के लिए माता गौरा के मायके में बदल जाएगा। इस आयोजन की शुरुआत 7 मार्च से होगी, जब गीत गवना का आयोजन किया जाएगा। 8 मार्च को गौरा का तेल-हल्दी किया जाएगा और 9 मार्च को बाबा का ससुराल आगमन होगा, जहां वैदिक मंत्रों के साथ उनका पूजन किया जाएगा। 10 मार्च की शाम को बाबा की पालकी उठने से पहले भभूत की होली खेली जाएगी।
इस बार बाबा और माता पार्वती का श्रृंगार विशेष रूप से होगा। बाबा मेवाड़ी परिधान और राजसी पगड़ी धारण करेंगे, जबकि माता पार्वती गुलाबी बनारसी साड़ी में सजेंगी। इसके बाद रंगभरी एकादशी के दिन मुख्य अनुष्ठान की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में होगी, जिसमें पंचगव्य से स्नान, रुद्राभिषेक और पूजा की जाएगी। इस दिन काशीवासियों के साथ विशेष गुलाल का भी उपयोग किया जाएगा, जो खास तौर पर इस दिन के लिए मंगवाया गया है। रंगभरी एकादशी के अगले दिन यानी 11 मार्च को महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर चिता भस्म से होली खेली जाएगी, जहां हजारों भक्त महाकुंभ के बाद पहली बार काशी में आए नागा साधुओं के साथ इस उत्सव का हिस्सा बनेंगे।
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