♦ प्रतिनिधि, चेन्नई: IPL 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए शुरुआती मुकाबले किसी बुरे सपने से कम नहीं रहे, जहां टीम पांच में से चार मुकाबले हार चुकी है और प्वाइंट्स टेबल में निचले पायदान पर है। लेकिन अब परिस्थितियां बदल रही हैं क्योंकि टीम की बागडोर फिर एक बार एमएस Dhoni के हाथों में सौंप दी गई है। ऋतुराज गायकवाड़ की चोट के चलते ये जिम्मेदारी फिर उस कप्तान को दी गई है, जिसने ना सिर्फ टीम को पांच बार चैंपियन बनाया है, बल्कि संकट के समय हमेशा उम्मीद की लौ जलाए रखी है।
धोनी सिर्फ एक कप्तान नहीं, बल्कि एक सोच हैं — एक ऐसा दृष्टिकोण जो हार को भी जीत में बदल सकता है। उनकी कप्तानी की खासियत यह नहीं कि उन्होंने कितने खिताब जीते, बल्कि यह है कि उन्होंने हर खिलाड़ी से उसकी पूरी क्षमता से खेलने का विश्वास दिलाया। मैदान पर उनके निर्णय कई बार विरोधाभास में दिखते हैं, लेकिन उनका असर अक्सर चमत्कारी साबित होता है। चाहे किसी युवा खिलाड़ी को अहम ओवर देना हो या फील्डिंग में लगातार बदलाव कर विरोधी टीम की योजना बिगाड़नी हो, धोनी के पास हर स्थिति का समाधान होता है।
अब जबकि CSK के सामने प्लेऑफ की दौड़ में बने रहने की चुनौती है, धोनी की रणनीतियों और नेतृत्व क्षमता से टीम में नया आत्मविश्वास देखा जा रहा है। उनके शांत स्वभाव और ‘कैप्टन कूल’ वाली सोच खिलाड़ियों को दबाव में बेहतर करने का मौका देती है। ऐसे समय में जब टीम परफॉर्मेंस को लेकर आलोचना झेल रही है, धोनी का नेतृत्व ही वो तत्व है जो टीम को फिर से एकजुट कर सकता है।
अगर CSK को प्लेऑफ में जगह बनानी है, तो उन्हें बाकी बचे 9 में से कम से कम 6 मुकाबले जीतने होंगे। यह लक्ष्य कठिन जरूर है, लेकिन धोनी के नेतृत्व में यह नामुमकिन नहीं लगता। इससे पहले भी 2013 और 2023 जैसे सीजन में CSK ने कठिन हालात में जबरदस्त वापसी की है। यही वजह है कि क्रिकेट प्रेमी एक बार फिर उम्मीद कर रहे हैं – “धोनी है तो मुमकिन है!” इस सीजन में अगर कोई टीम मुश्किलों से उबर कर इतिहास रच सकती है, तो वो है धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स – एक ऐसा नाम जो सिर्फ खेल नहीं, जज़्बा और विश्वास भी है।
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