SAHARSA NEWS,अजय कुमार : राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा द्वारा सनातन धर्म के उन्नायक आदिगुरु भगवान शंकराचार्य की जयंती कार्यक्रम मां दुर्गा स्थान कचहरी ढाला में महासभा के जिला प्रभारी आशुतोष राय उर्फ भगवान राय की अध्यक्षता एवं महासभा के मार्गदर्शक मंडल सदस्य चंदन मिश्रा के संचालन में शनिवार को आयोजित की गई।कार्यक्रम में आदिगुरु शंकराचार्य के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए महासभा के प्रमंडलीय प्रभारी शैलेश कुमार झा ने कहा कि महज 32 वर्ष के कम आयु में उन्होंने सत्य सनातन धर्म के पुनरुद्धार हेतु भारत वर्ष के चारों कोने में चार मठों की स्थापना किया जो आज भरत के धर्म की नीव है।वही सनातन धर्म की रक्षा हेतु नागा साधु संन्यासियों के लिए अखाड़ा का निर्माण कर धर्म स्थापनार्थ अनेकानेक कार्य किए। चंदन मिश्रा ने कहा कि अद्वैत वेदांत के प्रवर्तक आदिगुरु शंकराचार्य को भगवान शंकर का अंशावतार माना जाता है।जब जब धर्म का क्षय होता है।तब तब ईश्वर कोई न कोई अवतार लेकर धर्म की स्थापना कर किसी न किसी रूप में संपूर्ण संसार को एक नई दिशा देते है। भगवान शंकराचार्य ने अद्वैत वेदांत एवं जगत कल्याण के अनेकों पुस्तकों कि रचनाएं की जो आज भी सामाजिक दर्शन की नींव है। हम-सभी को उनके पदचिन्हों और आदर्शों का अनुसरण करना चाहिए।ज्ञात हो कि उनका जन्म केरल के ब्राह्मण परिवार में जन्म हुआ। उन्होंने सम्पूर्ण देश का भ्रमण कर सनातन धर्म की कीर्ति पताका को दिग दिगन्त तक फैलाया ।वही अल्पायु में ही कई महान उद्देश्य को प्राप्त किया।कार्यक्रम में मां दुर्गा मंदिर के मुख्य पुजारी राजा झा, अखिलेश झा, रंजय ठाकुर, संजीव कुमार झा, विनित ठाकुर, ब्रजेश राय, आनंद कुमार, सहित अन्य लोग उपस्थित थे।