SAHARSA NEWS,अजय कुमार : आगामी 13 अप्रैल को आयोजित अंतराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन को लेकर ज्योति नेत्र चिकित्सा केंद्र रिफ्यूजी कॉलोनी में मंगलवार को राधाकांत ठाकुर उर्फ फेकन झा की अध्यक्षता में विद्यापति चेतना चेतना समिति के बैनर तले बैठक आयोजित हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि मिथिला मैथिली एवं आठ करोड़ मिथिला वासी के अस्तित्व और अस्मिता सें जुड़ी है।मिथिला का विशिष्ट जीवन शैली की पूरे विश्व में प्रशंसित हो रही है।इसे देसिल वयना या मैथिली भाषा कहा जाता है।मिथिला वासियों के लिए माँ की भाषा मैथिली है।मातृभाषा मैथिली व मिथिला का विश्व में महत्वपूर्ण स्थान है। मिथिला के लोगों की मातृभाषा मैथिली है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन की जानकारी देश-विदेश के साहित्यकारों को दी जा रही है ताकि पहला अंतराष्टारीय मैथिली सम्मेलन सहरसा में होने जा रहा है।वही स्मारिका भी प्रकाशित होगा। इस कार्यक्रम में भाषण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।कार्यक्रम संयोजक सह मैथिल अभियानी जयराम झा ने कहा कि इस सम्मेलन में कुछ विशिष्ट लोगों को मिथिला विभूति एवं मिथिला सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।बैठक के दौरान डा शिलेन्द्र कुमार, रामचन्द्र चौधरी, नंद कुमार चौधरी, विन्देश्वरी प्रसाद झा, परमानंद खां, विधान चन्द्र का अधिवक्ता, सोहन झा, चन्दानंद मिश्र, रंजीत दास,शत्रुध्न चौधरी, नंद चौधरी नारायण रजक पूर्व जिला पार्षद प्रभाष झा,अमरनाथ झा बउआ महिषी,वुच्ची बाबू, मनीष कुमार मनोरंजन,राघव जी, दौलत जी विरेन्द्र ठाकुर, रुपम कुमारी,ज्योति कुमारी सहित अन्य मौजूद रहे।