Wakf Amendment Bill : वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर आज लोकसभा में तीखी बहस देखने को मिली। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव और गृहमंत्री अमित शाह के बीच इस मुद्दे पर जमकर तकरार हुई। विधेयक पर चर्चा के दौरान अखिलेश ने बीजेपी पर तंज कसते हुए इसे “सांप्रदायिक साजिश” करार दिया, तो जवाब में अमित शाह ने उन पर पलटवार करते हुए व्यंग्य भरी टिप्पणी की। बहस इतनी गरमाई कि एक मौके पर अखिलेश ने हाथ जोड़कर अपनी बात रखी, जिससे सदन में ठहाके गूंज उठे। अखिलेश यादव ने अपने भाषण में कहा, “यह बिल बीजेपी की नाकामियों को छिपाने की कोशिश है। दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष तक नहीं चुन पाई, और यहाँ वक्फ की जमीन पर नजर डाल रही है।” उन्होंने विधेयक को संविधान के खिलाफ बताते हुए आरोप लगाया कि यह मुस्लिम समुदाय की संपत्ति छीनने की साजिश है। जवाब में अमित शाह ने हल्के अंदाज में तंज कसा, “अखिलेश जी, आपकी पार्टी में तो अध्यक्ष चुनने के लिए पाँच लोग ही काफी हैं, कोई देरी नहीं होती। हमारी पार्टी में 12-13 करोड़ कार्यकर्ताओं से प्रक्रिया होती है, इसलिए थोड़ा वक्त लगता है। वैसे, आप तो अगले 25 साल तक अध्यक्ष बने रहेंगे।” शाह के इस जवाब पर सदन में हँसी छा गई।
अखिलेश ने वक्फ बिल को “भाजपा की विभाजनकारी नीति” का हिस्सा बताते हुए कहा कि इससे देश की धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान होगा। उन्होंने यह भी माँग की कि सरकार वक्फ की जमीन न बेचने की लिखित गारंटी दे। इस पर शाह ने कहा, “यह बिल पारदर्शिता के लिए है, किसी की संपत्ति छीनने के लिए नहीं। वक्फ बोर्ड में माफिया का कब्जा है, इसे खत्म करना जरूरी है।” बहस के दौरान अखिलेश ने एक बार फिर हाथ जोड़कर अपनी बात दोहराई, जिसे विपक्ष ने समर्थन और बीजेपी ने हल्के-फुल्के अंदाज में लिया। यह नजारा आज की चर्चा का सबसे रोचक पल बन गया। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर एनडीए और विपक्ष के बीच तनातनी जारी है। जहाँ सरकार इसे सुधार का कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे अल्पसंख्यक विरोधी करार दे रहा है। आज की बहस ने इस मुद्दे पर राजनीतिक तापमान और बढ़ा दिया है।