Sheetala Ashtami 2025
पूर्णिया

Sheetala Ashtami 2025: श्रद्धा और आस्था का अद्भुत माहौल….शीतला अष्टमी का पर्व

पूर्णिया: Sheetala Ashtami 2025 पूर्णिया के बेलौरी में इस साल शीतला अष्टमी के पर्व का आयोजन विशेष रूप से धूमधाम से किया गया, जहां श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी। सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ था, और यह उत्सव न केवल कोसी सीमांचल, बल्कि बिहार, झारखंड, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से भी श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा था। भक्तों की लंबी कतारें, मंदिर में बढ़ती आस्था और मां शीतला के प्रति गहरी श्रद्धा का प्रदर्शन इस दिन की विशेषता थी।

शीतला अष्टमी के दिन मंदिर में पूजा अर्चना के बाद भक्तों द्वारा कबूतर छोड़ने और पशु दान की परंपरा निभाई जाती है। मेला ग्राउंड में हर साल की तरह एक विशाल मेला भी आयोजित किया गया, जहां श्रद्धालु दर्शन के बाद मेले का आनंद लेने पहुंच रहे हैं। इस बार सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल और वोलेंटियर की तैनाती की गई थी, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।

Sheetala Ashtami 2025

मंदिर के पुजारी और वार्ड सदस्य ने बताया कि शीतला अष्टमी के दिन विशेष पूजा का आयोजन किया गया, जिसके बाद भक्तों को खिचड़ी महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस दिन का विशेष महत्व है और यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। यहां हर साल लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं, और इस दिन की पूजा से उन्हें आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Sheetala Ashtami 2025

मेले के इतिहास पर बात करते हुए मेला कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि 1945 में जब इलाके में चेचक महामारी फैल गई थी, तो पश्चिम बंगाल से आए एक प्रसिद्ध चिकित्सक ने जड़ी-बूटी के लेप से उस महामारी को काबू किया था। उनके इस कार्य ने शीतला माता के प्रति आस्था को और भी गहरा कर दिया, और तभी से शीतला माता के इस मंदिर का महत्व और बढ़ गया। इस दिन को लेकर श्रद्धालु और भक्त अपने श्रद्धा भाव से इस ऐतिहासिक मंदिर में मां शीतला की पूजा अर्चना करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *