NEW DELHI :खालिस्तान के खिलाफ बोलना पड़ा भारी: कनाडा में हिंदू सांसद चंद्र आर्य का चुनाव लड़ना मुश्किल
NEW DELHI : कनाडा के भारतीय मूल के हिंदू सांसद चंद्र आर्य को खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ मुखर होने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी ने उन्हें आगामी संघीय चुनाव में उम्मीदवारी से अयोग्य घोषित कर दिया है। पार्टी की समीक्षा समिति ने आर्य को “नेतृत्व के लिए अक्षम” करार देते हुए यह फैसला लिया, जिसके बाद विवाद छिड़ गया है।
खालिस्तान पर सख्त रुख बना वजह?
चंद्र आर्य, जो नीपियन क्षेत्र से सांसद हैं, लंबे समय से कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद के खिलाफ बोलते रहे हैं। उन्होंने हिंदू मंदिरों पर हमलों की निंदा की और खालिस्तानी समर्थकों को “कनाडा के लिए खतरा” बताया था। गुरुवार को X पर वायरल खबरों के मुताबिक, उनके इस रुख को फैसले के पीछे की वजह माना जा रहा है। आर्य ने हाल ही में कहा था, “हिंदू कनाडाई डर में जी रहे हैं, और सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।”
पार्टी का फैसला और आलोचना
लिबरल पार्टी ने जनवरी में आर्य को नेतृत्व चुनाव से बाहर कर दिया था, जब उन्होंने जस्टिन ट्रूडो के बाद प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पेश की थी। अब उनकी सांसदी की उम्मीदवारी भी रद्द होने से समर्थकों में नाराजगी है। एक X यूजर ने लिखा, “खालिस्तानियों के खिलाफ सच बोलने की सजा मिली। कनाडा अब अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित नहीं।”
आर्य का जवाब
आर्य ने इस फैसले पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन पहले उन्होंने कहा था, “मैं हिंदू कनाडाइयों की आवाज उठाता रहूँगा।” उनके समर्थक इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं। क्या यह कदम कनाडा की सियासत में नया तनाव पैदा करेगा? नजरें अब आगे के घटनाक्रम पर टिकी हैं।