पटना: Bihar Election 2025 बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू होते ही नकदी के लेनदेन पर सख्ती बढ़ा दी जाएगी। चुनाव आयोग ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धन के दुरुपयोग पर रोक लगाने हेतु कड़े प्रावधान किए हैं। काले धन की रोकथाम और चुनावी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उम्मीदवारों और आम नागरिकों के लिए नकदी रखने व ले जाने की सीमा तय की गई है। नियमों के अनुसार, व्यक्ति चुनाव अवधि में ₹50,000 तक नकदी बिना किसी दस्तावेज के ले जा सकता है, लेकिन ₹50,000 से अधिक राशि साथ रखने पर तीन जरूरी दस्तावेज दिखाना अनिवार्य होगा — वैध पहचान पत्र, बैंक से निकासी का प्रमाण या ट्रांजेक्शन मैसेज, और यह जानकारी कि नकदी किस प्रयोजन के लिए ले जाई जा रही है।
अगर कोई व्यक्ति ₹50,000 से अधिक नकदी बिना प्रमाण के ले जाता है, तो प्रशासन नकदी को जब्त कर सकता है। हालांकि, दस्तावेजों के सत्यापन के बाद राशि वापस कर दी जाएगी। वहीं, अगर कैश के स्रोत या उद्देश्य की पुष्टि नहीं हो पाती है, तो चुनाव आयोग उसे अवैध धन मानकर कार्रवाई कर सकता है। इस निगरानी को सख्ती से लागू करने के लिए जिला स्तर पर 20 प्रवर्तन एजेंसियां और सीमावर्ती इलाकों में 32 चौकियां सक्रिय की गई हैं। साथ ही एटीएम कैश वैन और बैंक कैश डिलीवरी सिस्टम पर भी पैनी नजर रखी जा रही है।
हालांकि, कुछ मामलों में छूट दी गई है — जैसे शादी समारोह, चिकित्सा आपात स्थिति या व्यावसायिक लेनदेन के दौरान यदि उचित दस्तावेज मौजूद हैं, तो अधिक राशि ले जाना अनुमत है। यदि नकदी ₹10 लाख से अधिक पाई जाती है, तो मामला आयकर विभाग को सौंपा जाएगा। रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डों और सड़कों पर भी विशेष जांच दल सक्रिय रहेंगे।
चुनाव आयोग की टीम प्रशासनिक अमलों के साथ समन्वय में काम करेगी ताकि अवैध नकदी के प्रवाह को रोका जा सके। आयोग ने स्पष्ट किया है कि पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव के लिए किसी भी प्रकार के धनबल के इस्तेमाल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

