Supreme Court : राष्ट्रपति को कैसे आदेश दें, हम पर पहले ही आरोप लग रहे’: निशिकांत दुबे मामले पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
Supreme Court ,नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के विरोध में हुई हिंसा के बाद वकील विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने तल्ख टिप्पणी की। याचिका में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा, “राष्ट्रपति को कैसे आदेश दें? हम पर पहले ही कार्यपालिका के अधिकारों में दखल देने के आरोप लग रहे हैं।” यह टिप्पणी हाल ही में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के उस बयान के संदर्भ में आई, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर संसद की शक्तियों में अतिक्रमण और देश में ‘धार्मिक युद्ध’ भड़काने का आरोप लगाया था। दुबे ने तमिलनाडु बनाम राज्यपाल मामले में कोर्ट के उस आदेश पर सवाल उठाए थे, जिसमें राष्ट्रपति को विधेयकों पर तीन महीने में फैसला लेने का निर्देश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई 22 अप्रैल के लिए निर्धारित की है, और इस मामले ने न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संवैधानिक सीमाओं पर बहस को तेज कर दिया है।