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Tahavvur Rana : 8 घंटे की पूछताछ: 26/11 हमले का मास्टरमाइंड सवालों से बचता रहा, टालमटोल भरे जवाब

Tahavvur Rana : 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के प्रमुख साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 23 अप्रैल 2025 को दिल्ली में 8 घंटे तक गहन पूछताछ की, लेकिन राणा सवालों से भागता दिखा और टालमटोल भरे जवाब देता रहा। अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए 64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को 10 अप्रैल 2025 को भारत लाया गया था, और उसे 18 दिन की NIA हिरासत में रखा गया है। पूछताछ में राणा से उसके करीबी सहयोगी डेविड कोलमैन हेडली, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सरगना हाफिज सईद, ISI के मेजर इकबाल और मेजर समीर अली, जैश-ए-मोहम्मद के इलियास कश्मीरी, और दुबई में एक अज्ञात संपर्क के साथ संबंधों के बारे में सवाल किए गए। NIA ने राणा के फोन कॉल्स, हेडली के साथ ईमेल, और मुंबई में एक नकली इमिग्रेशन ऑफिस के जरिए फंड मैनेजमेंट के बारे में भी पूछा, जो हेडली की 2006-2009 के बीच रेकी के लिए कवर था। सूत्रों के मुताबिक, राणा ने सहयोग करने के बजाय अस्पष्ट और भ्रामक जवाब दिए, जिससे जांच में मुश्किलें बढ़ीं। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी NIA कार्यालय में राणा से पूछताछ की, लेकिन उसकी गैर-सहयोगी रवैया बरकरार रहा। राणा ने पूछताछ के दौरान केवल कुरान, पेन, और नोटपैड मांगा, और उसे पांच वक्त की नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उसकी परिवार से फोन पर बात करने की याचिका खारिज कर दी, क्योंकि NIA ने कहा कि वह संवेदनशील जानकारी लीक कर सकता है। राणा पर आपराधिक साजिश, हत्या, और आतंकवाद के आरोप हैं, और उसने 26/11 हमले के नौ मृत आतंकियों की तारीफ करते हुए उन्हें पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य सम्मान “निशान-ए-हैदर” देने की बात कही थी। NIA को उम्मीद है कि राणा की पूछताछ से दिल्ली में भी 26/11 जैसे हमले की साजिश और दाऊद इब्राहिम के डी-कंपनी से संभावित लिंक का खुलासा हो सकता है, लेकिन उसका गैर-सहयोगी रवैया जांच को जटिल बना रहा है।

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