अजय कुमार, सहरसा : केंद्र की मोदी सरकार द्वारा मजदूरों के ऊपर थोपे गये चार श्रम संहिताओं लेबर कोड बिल के खिलाफ भाकपा माले तीखा विरोध जताया।माले नेता कुंदन यादव ने कहा कि चार श्रम कोड बिल को मजदूरों को कॉरपोरेट के गुलाम बनाने की संहिता करारा दिया और कहा कि चारों लेबर कोड बिल मजदूर वर्ग पर कॉरपोरेट मालिकों की मनमानी थोपने की साज़िश है।केन्द्र सरकार द्वारा घोषित चार श्रम संहिताओं का उद्देश्य मजदूरों द्वारा वीरतापूर्ण संघर्षों, आंदोलनों और कुर्बानियों से हासिल किए गए ऐतिहासिक अधिकारों को छीनना है। उन्होंने कहा कि लेबर कोड बिल सामाजिक सुरक्षा और कार्य सुरक्षा के संदर्भ में यह मजदूरों को समझौता करने के लिए विवश करने और उन्हें असुरक्षा में धकेलने की कोशिश है।
ये श्रम कानून एक ओर मजदूरों के अधिकारों को कमजोर करती है तो दूसरी ओर कॉरपोरेट घरानों, पूंजी मालिकों और नौकरशाही के हाथों में निरंकुश अधिकार सौंपती है। लेबर कोड के जरिए महिला एवं अन्य सभी असुरक्षित श्रमिकों के श्रम के खुले शोषण का रास्ता तैयार किया जा रहा है और मजदूरों के संगठित होने और शोषण, दमन के खिलाफ प्रतिवाद और विशेषकर हड़ताल के अधिकार पर हमला किया जा रहा है। भाकपा-माले ने केंद्र की मोदी सरकार से मांग किया कि वह तत्काल इन मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं को वापस ले।

