Yashasvi Jaiswal : भारतीय क्रिकेट के उभरते सितारे यशस्वी जायसवाल ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया है। कभी मुंबई के आजाद मैदान में गोल-गप्पे बेचने वाला यह युवा बल्लेबाज, जिसे मुंबई क्रिकेट ने तराशकर सुपरस्टार बनाया, अब उसी मुंबई को अलविदा कहने की तैयारी में है। खबर है कि जायसवाल ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) को ईमेल लिखकर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) माँगा है ताकि वह 2025-26 घरेलू सत्र से गोवा की ओर से खेल सकें। सूत्रों के मुताबिक, गोवा क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें कप्तानी का ऑफर दिया है, जो इस बड़े कदम के पीछे एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
यशस्वी की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के सुरियावाँ गाँव में जन्मे इस खिलाड़ी ने 10 साल की उम्र में क्रिकेट का सपना लेकर मुंबई का रुख किया था। यहाँ वे टेंट में रहे, गोल-गप्पे बेचे, और कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी। मुंबई की अंडर-19 और रणजी टीम के लिए खेलते हुए उन्होंने अपनी प्रतिभा दिखाई और 2019 में विजय हजारे ट्रॉफी में सबसे कम उम्र में दोहरा शतक जड़कर सुर्खियाँ बटोरीं। इसके बाद राजस्थान रॉयल्स और भारतीय टीम में उनकी जगह पक्की हुई। लेकिन अब, जिस मुंबई ने उन्हें पहचान दी, उसे छोड़ने का उनका फैसला क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गया है।
गोवा क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव शंबा देसाई ने कहा, “हम उनका स्वागत करते हैं। वह अगले सत्र से हमारे लिए खेलेंगे और कप्तानी का विकल्प भी खुला है।” जायसवाल ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी 2024-25 में मुंबई के लिए एकमात्र मैच खेला था, जिसमें उनका प्रदर्शन औसत रहा। कयास लगाए जा रहे हैं कि नियमित खेलने और नेतृत्व का मौका न मिलना उनके इस फैसले का कारण हो सकता है। मुंबई से अर्जुन तेंदुलकर और सिद्धेश लाड के बाद जायसवाल तीसरे बड़े खिलाड़ी हैं जो गोवा का रुख कर रहे हैं। यह कदम उनके करियर का नया अध्याय शुरू कर सकता है, लेकिन मुंबई क्रिकेट के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
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